नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उन्हें रूस यूक्रेन संकट (Ukraine Issue) से उत्पन्न स्थिति सहित विभिन्न मुद्दों पर जानकारी दी। उच्च पदस्थ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति को रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले से उत्पन्न स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने राष्ट्रपति को यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों विशेष रूप से छात्रों को स्वदेश लाए जाने के बारे में किए जा रहे सरकार के प्रयासों से अवगत कराया।
उल्लेखनीय है कि सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा चला रही है और इसके तहत अभी तक कई हजार छात्रों को वापस लाया जा चुका है। इन प्रयासों में तेजी लाने के लिए सरकार ने सोमवार को अपने चार मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजने का निर्णय लिया है। ये मंत्री इन देशों में यूक्रेन से सड़क मार्ग से पहुंचने वाले छात्रों की सुरक्षित तथा तेज वापसी के लिए व्यवस्था कराने का काम करेंगे।
रूस-यूक्रेन के बीच बातचीत का स्वागत है: यूएन में भारत
यूक्रेन (Ukraine Issue) में बिगड़ती हुई स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भारत ने हिंसा को रोकने की अपनी मांग को दोहराया है। साथ ही भारत ने रूस-यूक्रेन के बीच वार्ता का स्वागत किया है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में सोमवार को यूक्रेन पर आयोजित आपातकालीन विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत मानता है कि कूटनीति की तरफ बढ़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
भारत ने कहा कि यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ हुई फोन वार्ता में भी प्रेषित की थी। उन्होंने कहा, ‘भारत इस बात से बहुत चिंतित है कि यूक्रेन में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। हम हिंसा की तत्काल समाप्ति और शत्रुता को समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराते हैं। ऐसे में हमारी सरकार का दृढ़ विश्वास है कि कूटनीति के रास्ते पर लौटने के अलावा और कोई चारा नहीं है।’
भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए हर संभव प्रयास
उन्होंने यूक्रेन में बढ़ती हुई तत्काल और दबाव वाली मानवीय स्थिति पर रोशनी डालते हुए कहा कि भारत जल्द ही दवाइयों समेत अन्य सहायता सामग्री यूक्रेन पहुंचाएगा। तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने यूक्रेन की सीमा पर जटिल और अनिश्चित स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे लोगों की निर्बाध आवाजाही पर प्रतिकूल प्रभाव” पड़ रहा है। उन्होंने पोलैंड और हंगरी के साथ सीमा पार पर अस्त-व्यस्त स्थिति का जिक्र करते हुए आग्रह किया कि इस पहलू को तुरंत संबोधित किया जाए।
उल्लेखनीय है कि यूक्रेन (Ukraine Issue) से पड़ोसी देशों में जाने का प्रयास कर रहे भारतीयों को कड़ाके की ठंड में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। तिरुमूर्ति ने यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसियों – रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया, पोलैंड, मोल्दोवा का जिक्र करते हुए भारतीय नागरिकों के लिए अपनी सीमाएं खोलने के लिए उनका धन्यवाद किया। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि भारत पड़ोसी मुल्कों और विकासशील देशों के नागरिकों को यूक्रेन से निकालने के लिए उनकी सहायता करने को तैयार है।
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