बेटी की शादी के कार्ड पर किसान ने पिता ने छपवाया संदेश
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एक दिसंबर को होनी है ग्वालीशन गांव के किसान राजेश की बेटी की शादी
झज्जर (संजय भाटिया/सच कहूँ)। बेशक पीएम नरेन्द्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापिस लिए जाने की घोषणा कर दी हो और उसे कैबिनेट में भी रद्द करने पर मुहर लगवा दी हो। लेकिन कृषि कानूनों व आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों की पीड़ा का दंश अभी भी किसानों के चेहरों पर साफ देखने को मिल रहा है। झज्जर के गांव ग्वालीशन के किसान राजेश ने इसी पीड़ा को दिखाते हुए अपनी बेटी की शादी के लिए छपवाएं कार्ड में सत्ताधारी भाजपा और जेजेपी के नेताओं को शादी-समारोह से दूर रहने की चेतावनी लिखवा दी है। इतना हीं नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि यदि उक्त पार्टियों का कोई भी नेता समारोह में आता है तो उसे घुसने नहीं दिया जाएगा।
राजेश धनखड़ विश्ववीर जाट महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। किसान राजेश आंदोलन के दौरान किसानों पर आंसू गैस, लाठियां बरसाने और पानी की बौछारें छोड़े जाने से आहत दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि यदि उसके परिवार या फिर कोई रिश्तेदार भी भाजपा, आरएसएस और जेजेपी का सदस्य हुआ तो उसे भी समारोह में घुसने नहीं दिया जाएगा। राजेश के अनुसार जिस बेटी की शादी है वह उसकी बेटी न होकर आंदोलन में शहीद होने वाले उन 750 किसानों की बेटी है, जिन्होंने आंदोलन में अपनी जान गंवाई है। इसलिए वह कैसे स्वीकार कर लें कि किसानों की मौत के जिम्मेवार उसी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए उनकी चौखट पर पहुंचे।
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