मनरेगा अर्न्तगत जिले में 41 हजार पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारितः सीईओ
श्रीगंगानगर। पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) के साथ-साथ ग्रामीण इलाके को हरा-भरा बनाने के उद्देश्य से 15 जुलाई 2023 से जिले में सघन वृक्षारोपण अभियान चलाया जायेगा। अभियान के तहत 41 हजार पौधों का रोपण करने का लक्ष्य है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुहम्मद जुनैद ने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में राजकीय भवनों, सडकों के किनारे एवं प्रत्येक ग्राम पचायत के अमृत सरोवर तट, किनारों पर अभियान के तहत विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाये जाएंगे। इसके लिये जिले की नौ पंचायत समितियों में 48 नर्सरी स्थापना हेतु 1.28 करोड रूपये की स्वीकृतियां निकाली जा चुकी हैं। अधिकाशत नर्सरियों में पौधे तैयार हैं।
उन्होंने बताया कि श्रीगंगानगर में 12 एफ, कोठा, 8 क्यू दौलतपुरा, 7 जी छोटी, 3 एल मटीलीराठान, मिर्जेवाला, सूरतगढ में सोमासर, उदयपुर गोदारान, रधुनाथपुरा, निरवाना, 1 एलएसएम, श्रीविजयनगर में 25 जीबी, 8 एसटीबी, 1 एमएसडी, 4 बीएलडी, घडसाना में 12 एमएलडी, 24 एएस-सी, 10 केडी, 10 आरजेडी, 2 एमएल-ए, अनूपगढ में 4 एमएसआर, 8 केबी, 25 एपीडी, 1 एलएसएम, 30 एपीडी, पदमपुर में 35 बीबी, 20 डीडी, 23 बीबी, सांवतसर, 83 एलएनपी, श्रीकरणपुर में 50 एफ, धनूर, 48 जीजी, मलकाना खुर्द, 3 ओ, रायसिहनगर में 11 टीके, बुर्जवाला, मालसर, 5 टीके, उडसर, सादुलशहर में बहरामपुरा, खेरूवाला, करडवाला, गदरखेडा, मन्नीवाला, चक केरा, भागसर में नर्सरी स्थापित हैं। Environment Protection
जुनैद ने बताया कि जिले में नर्सरी की कार्यकारी एजेन्सी ग्राम पंचायत है। नर्सरी विकास के तहत इलाके के 36 हजार मनरेगा श्रमिक को सीधे तौर पर रोजगार का लाभ पहुंचेगा। नर्सरी विकास जरिये जहां ग्राम पचायतों की अनुपयोगी बंजर भूमि को हरा भरा किये जाने का प्रयास किया गया है, वहीं अनुपयोगी भूमि की कायाकल्प भी होगी। इसके साथ-साथ मनरेगा पजींकृत श्रमिकों को अपने गांव के नजदीक रोजगार भी मुहैया होगा।
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