डेरा सच्चा सौदा ने पर्यावरण संरक्षण का उठाया बीड़ा ‘आओ बनाएं स्वच्छ पर्यावरण’
(World Environment Day) पिछले कुछ दशकों से हमारा पर्यावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है। जिससे इस पर रहने वाले जीव-जंतु, जलवायु समेत सभी चीजें प्रदूषित हो रही हैं। जिससे सबके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। जिस तरह से देश में विकास हो रहा है, कंस्ट्रक्शन किए जा रहे हैं उसके बदले कई पेड़-पौधों की कटाई बड़ी मात्रा में कर दी जा रही है। ऐसे में यह जीवनदायी पेड़-पौधे ही अगर नहीं रहेंगे तो हम या हमारी आने वाली पीढ़ी कैसे रहेगी। ऐसे में हमें एकजुट होकर इसे गंभीरता से लेना होगा। वन प्रबंधन, ग्रीन हाउस गैस को नियंत्रण करना, पनबिजली संयंत्र का उपयोग या सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल करने से ही हमारा वातावरण शुद्ध हो सकता है।
मानवता भलाई में सिरमौर सर्व धर्म संगम डेरा सच्चा सौदा ने भी इंसानी गतिविधयों से प्रदूषित पर्यावरण को विभिन्न आधुनिक तकनीकों व तौर-तरीकों के जरिये शुद्ध करने का बीड़ा उठाया है। डेरा सच्चा सौदा पिछले कई वर्षों से वायु,जल व भूमि प्रदूषण रोकने में सराहनीय योगदान कर पूरी दुनिया को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा है। पर्यावरण के अस्तित्व को बचाने के लिए पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (एमएसजी) के पावन दिशा निर्देशन में डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने वह कर दिखाया है जो जमाने के लिए एक आश्चर्य है।
डेरा सच्चा सौदा द्वारा आज देश व दुनिया में पौधारोपण के अलावा ‘हो पृथ्वी साफ, मिटे रोग अभिशाप’के तहत शहरों गांवों व नदियों के आंचल को गंदगी से मुक्ति के लिए महा सफाई अभियान, अस्थियों से पर्यावरण सुरक्षा, किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ जल संरक्षण, फसलों के अवशेषों को न जलाकर व पॉलीथिन की जगह जूट से बने थैलों का प्रयोग कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है।
अब आपको बताते हैं डेरा सच्चा सौदा द्वारा प्रयोग में लाई जा रही कुछ ऐसी ही तकनीकें जिनसे न केवल खतरे में पड़े पर्यावरण के अस्तित्व की सुरक्षा होगी अपितु हम धरती पर साफ-सुथरी आबो-हवा लाने में भी मददगार होंगे। अगर प्लानिंग से काम हो तो हम निश्चय ही धरा को हरा-भरा व प्रदूषण मुक्त बनाने में कामयाब होंगे।
दुनिया को हरा-भरा बनाने का बीड़ा | (World Environment Day)
धरती सजी रहे वृक्ष से, पेड़ों की फैली छांव हो… इसी तरह के संदेश के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में आज डेरा सच्चा सौदा ने विश्व स्तर पर पहचान बना ली है। दुनिया भलि-भांति जान चुकी है कि डेरा प्रेमी पर्यावरण के असली पहरूए हैं। पर्यावरण सुरक्षा को लेकर भले ही देशभर में अनेक संस्थाएं एवं सामाजिक संगठन कार्यरत हैं लेकिन डेरा सच्चा सौदा का कोई सानी नहीं। पूज्य गुरू जी के आह्वान पर डेरा अनुयायियों ने देश व दुनिया को हरा-भरा करने का बीड़ा उठाया है। डेरा प्रेमियों द्वारा हर साल अपने प्यारे मुर्शिद पूज्य गुरू संत गुरमीत रात रहीम सिंह जी इन्सां के पवित्र जन्मदिवस व स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के अवसर पर देश व दुनियाभर में पौधारोपण किया जाता है।
केवल पौधारोपण ही नहीं, बल्कि सेवादार उनकी लगातार सार संभाल भी कर रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण मुहिम के तहत देशभर में किए गए पौधारोपण में अब तक तीन विश्व रिकॉर्ड भी डेरा सच्चा सौदा के नाम हैं। पांच करोड़ से भी ज्यादा इन पर्यावरण के सच्चे प्रहरियों में केवल पौधारोपण करने की ही नहीं, अपितु उनकी सार संभाल करने का भी जज्बा भरा हुआ है। ‘पर्यावरण से हम हैं’ इन पर्यावरण प्रहरियों के जीवन का केवल यही ध्येय बन चुका है। पर्यावरण के ऐसे कर्मठ पहरेदारों के जज्बे को सलाम।
पौधारोपण में चार विश्व रिकॉर्ड
15 अगस्त 2009 को मात्र एक घंटे में 9 लाख 38 हजार 7 पौधे लगाए। दूसरे रिकॉर्ड में 15 अगस्त 2009 को आठ घंटे में 68 लाख 73 हजार 451 पौधे लगाए। इसके अलावा वर्ष 15 अगस्त 2011 को केवल एक घंटे में साध-संगत ने 19,45,535 पौधे लगाए और चौथा रिकॉर्ड 15 अगस्त 2012 को केवल एक घंटे में साध-संगत ने 20 लाख 39 हजार 747 पौधे लगाकर बनाया।
फसलों के अवशेष जलाने से परहेज | (World Environment Day)
डेरा सच्चा सौदा से जुड़े श्रद्धालु किसान फसलों के अवशेष न जलाकर अनोखे तरीके से पर्यावरण की रक्षा कर रहे हैं। डेरा प्रेमी किसानों ने पूज्य गुरू जी के आह्वान पर खेतों में पराली व अन्य अवशेष न जलाने का संकल्प लिया है। अवशेष जलाने से न केवल वातावरण दूषित होता है अपितु जमीन की उर्वरा शक्ति पर भी बुरा असर पड़ता है साथ ही श्वास संबंधी रोगों में भी इजाफा होता है।
हर साल 5 जून का दिन दुनिया भर में विश्व पर्यावरण दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसका मकसद है-लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक और सचेत करना। प्रकृति बिना मानव जीवन संभव नहीं। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि हम पेड़-पौधों, जंगलों, नदियों, झीलों, भूमि, पहाड़ सबके महत्व को समझें। इस दिवस को मनाने का फैसला 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद लिया गया। इसके बाद 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस बार विश्व पर्यावरण दिवस की थीम है- प्लास्टिक पॉल्यूशन की समस्या का हल (Solutions to plastic pollution)। सोशल मीडिया पर हैश टैग #BeatPlasticPollution के साथ पर्यावरण दिवस व इसके मकसद का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स जमकर इस हैश टैग के साथ प्लास्टिक विरोधी अभियान में हिस्सा ले रहे हैं।
बच्चों की तरह करें पौधों की संभाल
पौधा एक दोस्त की भांति होता है, इसकी पूरी संभाल करनी चाहिए। पौधे प्रदूषण व बीमारियों से राहत प्रदान करते हैं, जिससे समूह सृष्टि का भला होता है। इसीलिए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं और उनकी संभाल भी अपने बच्चों की तरह करें।
-पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां
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