नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। चालू वित्त वर्ष में गेहूं के निर्यात (Wheat Exports) में रिकॉर्ड उछाल के बीच कृषि उपज एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) देश से गेहूं के निर्यात को और अधिक प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहा है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने यूक्रेन-रुस की लड़ाई के कारण वैश्विक खाद्यान्न आपूर्ति में व्यवधान को कम करने के लिए एजेंसियों को भारत से अनाज का निर्यात बढ़ाने के प्रयास करने को कहा है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की हाल की रपट के अनुसार यूक्रेन युद्ध में शामिल देशों का विश्व के गेहूं निर्यात बाजार में करीब एक तिहाई योगदान है। लड़ाई छिड़ने के बाद वैश्विक बाजार में गेहूं का भाव गत सितंबर की तुलना में एक समय दो गुना हो गया था। अब भी गेहूं का भाव 60 प्रतिशत से अधिक ऊंचा है।
भारत ने पिछले तीन वर्षों में 2.35 अरब डालर का गेहूं निर्यात किया
आधिकारिक जानकारी के अनुसार भारत गेहूं निर्यात के लिए मिस्र, तुर्की, चीन, बोस्निया, सूडान, नाइजीरिया, ईरान आदि देशों के साथ चर्चा कर रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में गेहूं का निर्यात एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 387 प्रतिशत बढ़कर 1.74 अरब डालर से अधिक रहा। भारत ने पिछले तीन वर्षों में 2.35 अरब डालर का गेहूं निर्यात किया है, जिसमें चालू वित्त वर्ष 2021-22 के पहले दस महीने का निर्यात शामिल हैं।
वर्ष 2019-20 में, गेहूं का निर्यात 6.2करोड़ अमरीकी डालर था जो 2020-21 में बढ़कर 55 करोड़ डॉलर हो गया। आधिकारिक जानकारी के अनुसार भारत मिस्र को गेहूं का निर्यात शुरू करने के लिए अंतिम बातचीत कर रहा है, जबकि गेहूं निर्यात शुरू करने के लिए तुर्की,चीन, बोस्निया, सूडान, नाइजीरिया, ईरान आदि देशों के साथ चर्चा चल रही है। वाणिज्य मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार एपीडा ने मंत्रालय के निदेर्शों के अनुसार गेहूं का निर्यात (Wheat Exports) को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख हितधारकों की एक बैठक 17 मार्च आयोजित की थी।
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