सरसा (सच कहूँ न्यूज)। महिलाओं व छात्राओं को बसों में समस्याओं का सामना न करना पड़े, इसके लिए सरकार की ओर से प्रदेशभर के डिपूओं में 150 गुलाबी बसें भेंट की गई थी, जिसके तहत सिरसा रोडवेज डिपो को 5 बसें मिली थीं, लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते ये पांचों बसें रोडवेज वर्कशॉप में काफी समय से धूल फांक रही हैं। इस सिलसिले में रोडवेज कर्मचारी नेता पृथ्वी सिंह चाहर ने बताया कि सरकार ने महिलाओं के लिए गांवों से आने व जाने के लिए प्रदेशभर के सभी डिपूओ में लगभग 150 गुलाबी बसें वितरित की थी। जो कि फरवरी 2020 से लेकर अप्रैल 2021 तक महिलाओं के लिए चली थी। इसके बाद इन गुलाबी बसों को कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते एंबुलेंस का रूप दे दिया गया। चाहर ने बताया कि करीबन डेढ़ महीने एंबुलेंस के तौर पर यह बसें चली। उसके बाद से लेकर अब तक ये बसें वर्कशॉप में एक जगह खड़ी धूल फांक रही हैं। विभागीय उदासनीता के कारण ये बसें बंद पड़ी हैं, जिसके कारण भीड़ अधिक होेने के कारण महिलाओं व छात्राओं का बसों में सफर करना मुश्किल हो गया है।
बसों में बढ़ती भीड़, महिलाओं व छात्रों को होती है परेशानी
अक्सर देखा गया है कि सुबह व दोपहर के समय बसों में भीड़ इस कदर होती है कि काफी बार तो महिलाओं व छात्राओं को खिड़कियों में लटककर सफर करना पड़ रहा है, जिसके कारण हर समय हादसे का अंदेशा बना रहता है। चाहर ने बताया कि इन बसों के चलने से जहां महिलाओं व छात्राओं का सफर आसान हो जाएगा, वहीं दूसरी बसों में भी भीड़ कम हो जाएगी, जिससे अन्य यात्रियों को परेशानियों से दो-चार नहीं होना पड़ेगा। उन्होंने विभाग से मांग की कि कबाड़ बन रही इन बसों में फिर से रोड पर लाया जाए, ताकि महिलाओं को राहत मिल सके।
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