आत्मसमर्पण करने को कहा तो पुलिस पर कर दी फायरिंग Gangster Bhanwar Singh Encounter
जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने मौके पर ही किया ढेर
गुरुग्राम।
एक लाख एक इनामी बदमाश को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस ने यह कार्रवाई उस समय की, Gangster Bhanwar Singh Encounter जब बदमाश अपने साथियों के साथ खेतों में एक कमरे में बैठकर शराब पी रहा था। पुलिस ने पहले तो बदमाशों को आत्मसमर्पण की बात कही थी, लेकिन बदमाशों ने पुलिस पार्टी पर ही फायरिंग शुरू कर दी। इसकी जवाबी कार्रवाई में मोस्ट वांटेड बदमाश को पुलिस ने मारा गिराया। जानकारी के अनुसार दोपहर करीब 12 बजे क्राइम यूनिट पालम विहार के प्रभारी निरीक्षण मनोज वर्मा को एक गुप्त सूचना मिली। Gangster Bhanwar Singh Encounter
सूचना में बताया गया कि गांव मानेसर का रहने वाला मुख्यात बदमाश भंवर सिंह उर्फ भूदेव अपने एक साथी रवींद्र उर्फ काले के साथ गांव सहरावन की ढाणी के पास एक कमरे में शराब पी रहा है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए क्राइम यूनिट तुरंत तैयारी हुई और उस स्थान पर जाकर बदमाश को अपने सामने आत्मसमर्पण करने को कहा। जैसे ही बदमाश को पुलिस की यह अनाउंसमेंट सुनाई दी तो बदमाशों ने आत्मसमर्पण करने की बजाय पुलिस पर ही फायरिंग शुरू कर दी। यानी वे पुलिस पर गोलीबारी करके वहां से बचकर भागना चाह रहे थे।
मौके की नजाकत को देखते ही पुलिस टीम भी हरकत में आ गई और बदमाशों द्वारा बरसाई जा रही गोलियों का जवाब गोलियों से ही दिया। एक बदमाश रविंद्र उर्फ काले तो पुलिस पार्टी पर अपने बचाव में फायर करते हुए भाग निकला, लेकिन दूसरा बदमाश भंवर सिंह उर्फ भूदेव कमरे के भीतर से ही फायरिंग करता रहा। पुलिस की गोली से वह बुरी तरह से घायल हो गया। इसके बाद पुलिस ने उसे वहां से उठाया और मानेसर के रॉकलैंड अस्पताल में उपचार को भर्ती कराया। चिकित्सकों ने उसे मृृत घोषित कर दिया।
संगीन अपराधों में एक दर्जन केस दर्ज Gangster Bhanwar Singh Encounter
मानेसर के रहने वाले गैंगस्टर भंवर सिंह उर्फ भूदेव का काफी पुराना अपराधिक रिकॉर्ड रहा है। उस पर संगीन धाराओं में करीब एक दर्जन मुकदमें दर्ज हैं। थाना मानेसर, सदर थाना गुरुग्राम के अलावा हिसार और दिल्ली में भी केस दर्ज हैं। इनमें हत्या, लूट, पुलिस पर जानलेवा हमला करने व जबरन उगाही के मामले हैं।
मानेसर में पटवारी की हत्या भी की थी
बदमाश भंवर सिंह ने गत माह 14 अगस्त को अपने साथियों से मिलकर उस समय पटवारी ईश्वर सिंह की हत्या कर दी थी, जब वह एसएचआईआईडीसी की जमीन से कब्जे हटाने को गए थे। इस हमले में सरकारी गाड़ी का चालक भी गोलियों से गंभीर रूप से घायल हो गया था। हरियाणा पुलिस उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपए का इनाम रखा गया था।
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