पिकनिक बच्चों को प्यारी
पापा मानों बात हमारी,
पिकनिक की कर लो तैयारी।
बोर हो गये पढ़ते-पढ़ते,
ढ़ोते बस्ता भारी-भारी।।
आफिस का मत करो बहाना,
कल संडे छुट्टी सरकारी।
मम्मी तुम भी अभी बना लो,
खाने-पीने की चीजें सारी।
लेटेंगे हम नरम घास पर,
छुपम-छुपाई भी खेलेंगे।
तितली-फूलों को मीत बना,
खुशियां सारी मन भर लेंगे।।
पार्क में झूला हम झूलेंगे,
नहीं करेंगे मारामारी।
शाम ढले वापस आएंगे,
ले पिकनिक की यादें सारी।।
कुछ नया सीखने का अवसर,
पिकनिक सब बच्चों को प्यारी।
मिलजुल कर रहना सिखलाती,
यह खुली पाठशाला प्यारी।।
-आसिया फारूकी,
शिक्षिका, फतेहपुर
( उ. प्र.)
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