चचेरे भाई व पुलिस अधिकारियों को ठहराया सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेवार
महेंद्रगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। शनिवार को जिले के गांव खेड़ा (Kheda) में सिविल अस्पताल में कार्यरत होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अशोक (48) के सुसाइड करने का मामला सामने आया है, पिछले 14 सालों से महेंद्रगढ़ के नागरिक अस्पताल में कार्यरत अशोक ने गत दिवस आॅफिस की छुट्टी के बाद अपने आॅफिस में ही फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
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मृतक फार्मासिस्ट ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है जिसमें उसने अपने चचेरे भाई महिपाल तथा उसके परिवार के सदस्यों एवं पुलिस के जांच अधिकारी रणवीर सिंह को आत्महत्या का दोषी करार दिया है। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है।
मृतक अशोक द्वारा 13 मई को 7 पेज के लिखे सुसाइड नोट (Suicide Note) से जो जानकारी निकल कर सामने आई है उसमें बताया गया है कि उसने अपने चचेरे भाई के खिलाफ सदर थाना महेंद्रगढ़ में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके चाचा के लड़के महिपाल ने 23 अप्रेल को उसकी मां का दांत तोड़ दिया था तथा उसको लाठी से पीटा था लेकिन इसके विपरीत पुलिस के जांच अधिकारी रणवीर सिंह और एसएचओ दोनों ने मिलकर मोटा पैसा खा लिया, जिसके कारण उल्टा उस पर 2 मुकदमें दर्ज करवा दिए। एफआईआर नंबर 141 व 142 दोनों मुकदमें 2 मई को एक ही दिन में दर्ज कर दिए।
इसके बाद रणवीर सिंह ने उसे सदर थाना महेंद्रगढ़ बुलाया और कहने लगा कि तुम साइन करो, उसने कहा कि मुझे पढ़ने तो दो लेकिन उन्होंने डांट फटकार लगाकर, डरा धमकाकर जबरदस्ती उससे साइन करा लिए। ऐसे में उसने एसएचओ साहब को बोला कि जांच अधिकारी ने मुझसे साइन भी करवा लिया और पढ़ने भी नहीं दिया। तब एसएचओ बोला कि हम आप की प्रोपर्टी नाम नहीं करवा रहे हैं। उधर महिपाल ने मेरा और मेरे परिवार का जीना मुश्किल कर दिया है। हमारी धर्मशाला पर कब्जा करता है। कभी खेतों पर कब्जा करता है।
इससे आगे सुसाइट नोट में लिखा कि महिपाल व उसका परिवार बहुत ही खतरनाक, बदमाश व गुंडे किस्म के हैं। उन्होंने उसे मरने के लिए मजबूर कर दिया है। जिला उपायुक्त को भी 9 मई को एक शिकायत दी थी कि जांच अफसर रणवीर सिंह को बदला जाए और तफ्तीश के लिए एक ईमानदार जांच अफसर को भेजा जाए।
सुसाइड नोट की मुख्य बात | (Suicide)
मृतक अशोक ने सुसाइड नोट में लिखा कि मेरे 2 बच्चे हैं, एक लड़की जो मेडिकल में पढ़ती है और लड़का 8वीं कक्षा में पढ़ता है। मेरा हंसता खेलता परिवार महिपाल ने उजाड़ दिया। महिपाल को फांसी से बढ़कर कोई मौत हो तो वह मिलनी चाहिए और आईओ को भी सजा मिलनी चाहिए। मेरी मौत का कारण महिपाल व उसका परिवार है।
सुसाइड नोट में आगे लिखा है-मां को छोड़कर जाना पड़ रहा है और पत्नी को भी। मैं मरना नहीं चाहता, पर क्या करूं मरना पड़ रहा है। महिपाल ने कह रखा है कि वह उसका वंश खत्म कर देगा। अंत में अशोक ने लिखा कि मां-आपका बेटा जा रहा है, मां आपके चरणों को छूना चाहता हूं। मेरी आत्महत्या का कारण महिपाल व उसका परिवार है।
मृतक फार्मासिस्ट की जिला उपायुक्त को शिकायत
बता दें कि मृतक अशोक ने जिला उपायुक्त महेंद्रगढ़ को 9 मई को एक शिकायत दी, जिसमें उसने पुलिस को मामले की निष्पक्ष जांच करने की बात कही। इसमें उसने लिखा कि मैं अशोक महान गांव खेड़ा का स्थाई निवासी हूं। महिपाल निवासी खेड़ा ने 26 अप्रैल को झूठा मुकदमा पुलिस थाना सदर में मेरे खिलाफ दर्ज करवाया। इसकी एफआईआर नंबर 142 है। एसएचओ अपनी टीम के साथ गांव खेड़ा पहुंचा, गांव में पूछताछ की तथा आईओ रणवीर सिंह ने उसके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया, जबकि वहां पर कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं हुआ। आपसे निवेदन है कि आईओ रणवीर सिंह की जगह कोई ईमानदार अधिकारी जांच के लिए आदेश दे और अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।