नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट में किसी सरकारी प्रतिनिधि को शामिल करने का निर्देश देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की खंडपीठ ने शिशिर चतुर्वेदी की जनहित याचिका सिरे से खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि अयोध्या में मस्जिद के लिए बने न्यास में केंद्र या फिर राज्य सरकार का कोई भी प्रतिनिधि शामिल नहीं होगा। याचिकाकर्ता ने अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट की तरह ही पांच एकड़ की वैकल्पिक जमीन में मस्जिद निर्माण के लिए गठित न्यास में भी सरकारी प्रतिनिधि शामिल करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की थी।
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