आदरणीय किसान भाइयों एवं सत्ताधारियों हठ योग का परिणाम सदैव दु:ख दाई रहा है। इतिहास इस बात का पक्का सबूत है। मेरे प्यारे किसानों मैं भी एक किसान परिवार का सदस्य हूँ इसलिए कुछ विचार आपसे साझा कर रहा हूँ। नेक सलाह मानने पर हमेशा परिणाम सुख दाई होते हैं। देश हित में हमें अपने बुजुर्गों या किसी भी पक्ष की नेक सलाह पर अमल कर ही लेना चाहिए। आदरणीय गुरू द्वारा प्रबंधक कमेटी के जत्थेदार जी भी नरेश टिकैत जी अन्ना हजारे जी और देश के शुभचिंतक वर्ग, बुद्धिजीवी वर्ग सभी का मत यही है कि सरकारी तन्त्र दो कदम पीछे हटा है तो किसान भाइयों को भी सकारात्मक रूख अपनाना ही चाहिए। यही देश के सर्वोच्च न्यायालय की भी सलाह है। इसी में सबका भला है।
परिवर्तन कुदरत का नियम है, समयानुसार सभी चीजें, कानून ना बदले तो जिन्दगी की दौड़ में बहुत पीछे रह जाएगा और हंसी का कारण बनेगा, हानि वहन करेगा। अपना देश है, अपने किसान है, अपनी ही सरकार है। फिर झगड़ा किस बात पर, झगड़ों के परिणाम हमने हजारों साल झेले हैं। काश आज हमारे पूर्वज होते वो कितने गमजदा होते जो गलतियां हमने की वही आज ये भी दोहरा रहे हैं। हठ के दु:खद परिणाम धीरे-धीरे शुरू हो गए है जो गणतन्त्र दिवस पर दिखाई दिए। पुरानी कहावत है अर्न्तकलह का फायदा पड़ोसी उठा ही लेते है।
दुनिया में भी गलत सन्देश जा रहा है। हमारे फौजी नौजवानों का भी मनोबल गिर रहा है। माहमारी से अभी हम उबर भी नहीं पाए हैं। हमें अपने राष्टÑ भारत की आन-बान-शान को बनाए रखना है। भारत को विश्व गुरू बनाना है। आओ मिलकर सारे मतभेज भुलाते हुए हम एकता सूत्र में बंध जाए और आजादी के परवानों के सपनों को साकार करें और अपनी भावी पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित करते हुए उन्हें एक नई सुबह का अहसास कराए।
जय हिन्द, जय भारत
-मा. देशपाल सिंह फाजलपुर मेरठ
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