सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा नशों के खिलाफ गाया गया भजन, जागो देश दे लोको, अब जन जन की आवाज बन चुका है। पूज्य गुरु जी के भजन से प्रेरित होकर हर रोज बड़ी संख्या में दुकानदारों द्वारा नशों की होली जलाई जा रही है। ताजा मामला राजस्थान के कोटा में सामने आया है। जहां एक दुकानदान ने नशीली पदार्थों को आग के हवाले कर, जीवन में नशा न बेचने का संकल्प लिया।
दुकानदार द्वारा उठाए गए इस कदम की चहुंओर प्रशंसा की जा रही है। बता दें कि राजस्थान 45 मैंबर कमेटी के सदस्यों द्वारा जब पूज्य गुरु जी की नशा विरोधी मुहिम को लेकर समाज के लोगों को जागरूक किया जा रहा था, कोटा के एक दुकानदार ने अपनी दुकान में रखें, बीड़ी, सिगरेट, गुटका, तम्बाकू सहित अन्य नशील पदार्थों को डेरा श्रद्धालुओं के सामने आग लगा दिया। जिसकी तस्वीरें आपके सामने हैं:-
अखिल भारतीय नशामुक्त अभियान की शुरूआत
पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने गत 3 नवंबर को शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा, यूपी से लाइव कार्यक्रम दौरान अखिल भारतीय नशामुक्त अभियान की शुरूआत की, जिसको ड्रग इरेडीकेशन पेन-इंडिया थ्रू हैल्थ एंड मैडिटेशन का नाम दिया गया। ध्यान, योग एवं स्वास्थ्य द्वारा अखिल भारतीय नशामुक्ति अभियान का मूल उद्देश्य हिंदुस्तान से नशे को जड़ से खत्म करना है। इस अभियान को कारगर बनाने के लिए डेरा सच्चा सौदा गांव, कस्बे व शहरी स्तर पर स्थानीय साध-संगत का सहयोग लेगा। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जागरूकता कैंपों के अलावा योग एवं ध्यान क्रियाओं के जरीये लोगों को नशा छोड़ने के लिए प्र्रेरित किया जाएगा, वहीं स्वास्थ्य कैंप भी लगाए जाएंगे जिनमें नशे के आदि लोगों का उपचार भी किया जाएगा।
Saint Dr. MSG की नशों के खिलाफ शुरू की गई DEPTH मुहिम का दिख रहा असर
नशा एक सामाजिक बुराई है। यह स्वच्छ समाज के लिए कलंक के समान है। नशा करने वाला व्यक्ति स्वयं का परिवार का वादा में समाज का नुकसान करता है। देश के विभिन्न राज्यों पंजाब में नशे की लत विषबेल की तरह फैल गई है। समाज में मादक पदार्थों का सेवन करने वाले एवं समाज में इसको बढ़ाबा देने वाले लोगो का हमें सामाजिक रूप से बहिष्कार करना चाहिए। हमारे लिए बीड़ी गुटखा चिलम तंबाकू ये सब है तन मन धन के डाकू हैं। जो हमें पूरी तरह से बर्बाद कर देते हैं। वहीं हमारी इसी नौजवान व युवा पीढ़ी को नशों से बचाने के लिए इन दिनों डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां रूहानी यात्रा के दौरान आनलाइन सत्संग के माध्यम से नशों के खिलाफ आवाज बुलंद किया।
-:DEPTH:-
Drug
Eradication
Pan-India
Through
Health and Meditation
पूज्य गुरु जी समाज के गणमान्यजन लोगों व सरकार से नशों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने का आह्वान लगातार कर रहे हैं। इसका असर समाज में दिखने भी लगा है। रोजाना लाखों लोग नशा व बुराइयां छोड़कर इंसानियत के मार्ग पर अग्रसर हो रहे हैं। इसी क्रम में लक्ष्मणगढ़, राजस्थान निवासी पप्पू चौहान ने DEPTH मुहिम के तहत नशा छोड़ा और कहा कि मैं आज नशा त्याग रहा हूं और नारा लगाता हूं ‘धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा’। आपको बता दें कि पूज्य गुरु जी बरनावा आश्रम में 40 दिन की रूहानी यात्रा पर आए थे और इस दौरान सत्संग कर हर रोज लाखों लोगों का नशा छूड़वाकर राम-नाम से जोड़ा।
नशा आदमी के फेफड़ों को खत्म कर रहा है: WHO
डब्लूएचओ के अनुसार, सिगरेट पीने की वजह से हर वर्ष 8 करोड़ टन कार्बन डाई आॅक्साइड पर्यावरण में मिल रही है, जिससे वायुमंडल जहरीला होता जा रहा है। इससे पता चलता है कि स्मोकिंग न केवल इन्सानों के फेफड़ों को खत्म कर रही है बल्कि पर्यावरण को भी तबाह कर रही है। ऐसे में अगर आप भी बीड़ी-सिगरेट, तम्बाकू की लत में फंसे हुए है तो जल्द ये छोड़ दे।
तम्बाकू एक धीमा जहर
तम्बाकू एक प्रकार के निकोटियाना प्रजाति के पेड़ के पत्तों को सुखा कर नशा करने की वस्तु बनाई जाती है। दरअसल तम्बाकू एक मीठा जहर है, तंबाकू निकोटिया टैबेकम पौधे से प्राप्त किया जाता है। यह एक धीमा जहर की तरह धीरे -धीरे आदमी की जान ले लेता है। सरकार को भी शायद यह पता नहीं कि तम्बाकू से वह जितना राजस्व प्राप्त करती है, उससे ज्यादा तम्बाकू से उत्पन्न रोगों के इलाज पर खर्च किया जाता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि तम्बाकू के सेवन से जीवन शक्ति का ह्रास भी होता है। व्यक्ति को पता चल भी जाता है कि तम्बाकू का सेवन करना हानिकारक है किंतु बाद में लाख छुड़ाने पर भी यह लत नहीं छूटता है और धीरे-धीरे तंबाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति का जीवन शक्ति भी कम होता जाता है और वह अपने आपको एक तरह से विनाश के हवाले कर देता है। तंबाकू खाने से मुंह के कैंसर की बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
तम्बाकू के दुष्प्रभाव
तम्बाकू को जब गुल, गुड़ाकु,पान मसाला या खैनी, के रूप में प्रयोग करते है तो इसके कारण मुंह मे अनेक रोग उत्पन्न हो सकते है। सफेद दाग, मुँह का नहीं खुल पाना, तथा कैंसर रोग भी हो सकता है। बीड़ी-सिगरेट के पीने से शरीर में व्यापक प्रभाव पड़ता है। इसके कारण हृदय के धमनियों में रक्त प्रवाह कम हो सकता है। हृदय रोग जैसे मायोकोर्डियल इनफेक्शन तथा अनजाइना हो सकता है। रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) बढ़ सकता है। साँस की बीमारी जैसे ब्रोंकाइटीस, दमा, तथा फेफड़ो का कैंसर हो सकता है। इसके अतिरिक्त इसका प्रभाव शरीर के स्नायुतंत्र में पड़ता है। इसकी और बहुत सी हानियाँ हैं।
संसार में नशों की बाढ़ आई हुई है। हमारे देश की बात कर लिजिए, बहुत जगहों पर, बहुत तरहों के नशे बर्बाद कर रहे है। नशे से देश की जवानी, देश का बचपन बर्बाद होता जा रहा है और यह नशा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। बहुत सारी जिंदगियां नशा बर्बाद कर चुका है और खत्म कर चुका है तथा बहुत जिंदगियों को खत्म करने की कगार की तरफ लेकर जा रहा है। पहले एक हल्के पीले और लाल रंग की बेल हुआ करती थी, जिसके शायद अलग-अलग नाम हो, जिसे अंबर बेल भी कहते थे। यह बेल जिस पेड़ पर गिर जाती थी, उसको बर्बाद कर देती थी। आज उसी तरह नशा हमारे समाज के ऊपर गिरा हुआ है, गिरफ्त में ले रखा है नशे ने और इससे हमारा समाज खोखला होता जा रहा है।
-पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां।
हर मोबाइल पर बजने लगा- जागो दुनिया दे लोको…गीत
पूज्य गुरूजी ने इस बार नशे पर जमकर प्रहार किया। बातों में, प्रवचनों में और गीत में वे नशे को जड़ से उखाड़ने का संदेश देते रहे। नशे पर ही बनाया गया गीत-जागो दुनिया दे लोको के पांच दिन में व्यूअर का आंकड़ा 60 लाख के पार हो गया। मात्र 9 दिन में ही व्यूअर 10 मिलियन यानी एक करोड़ को पार कर गए। नशे व बुराइयों पर प्रहार करता यह गीत हर किसी के मोबाइल की ट्यून बन गया।
जहन्नुम बने घरों को जन्नत बनाने का संदेश देते इस गीत को सुनकर नौजवानों ने नशीला पदार्थों से तौबा की। इस गीत में पंचायत प्रतिनिधि सरपंचों से आह्वान किया कि ठीकरी पहरा लगा दो। यूपी और टोहाना की सामाजिक संस्थाओं ने गुरूजी को नशे व अन्य सामाजिक बुराईयों के खात्मे के लिए चलाई गई मुहिम पर सम्मान भी दिया।
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