नशे के खतरे से निपटने के लिए लोग सक्रिय भूमिका निभाएं: भगवंत सिंह मान

Bhagwant Mann

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने लोगों को नशे के खिलाफ मुहिम में सक्रिय भागीदार बनने का आह्वान किया ताकि राज्य से इस समस्या को पूरी तरह खत्म किया जा सके। इसके लिए पंजाब के लोग नशे के खिलाफ तैयार की गई हैल्पलाइन नंबर 9779100200 पर संपर्क कर इस मुहिम में पंजाब सरकार की मदद कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है। उन्होंने कहा कि नशे की आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ने, नशा तस्करों को सलाखों के पीछे डालने और नशा पीड़ितों का पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए यह सुनियोजित मुहिम चलाई गई है।

भगवंत सिंह मान ने नशा विरोधी मुहिम को भरपूर समर्थन देने के लिए लोगों का तहेदिल से धन्यवाद किया, लेकिन उन्होंने कहा कि यह जंग लोगों के सक्रिय सहयोग के बिना जीती नहीं जा सकती। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने लोगों से नशे की तस्करी के घृणित अपराध में शामिल नशा तस्करों के बारे में जानकारी साझा करने की अपील करते हुए कहा कि उनके खिलाफ उदाहरणात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई मेगा मुहिम के हिस्से के रूप में ड्रग मनी के जरिए हासिल की गई नशा तस्करों की संपत्तियों को ध्वस्त/जब्त किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशे के खिलाफ मुहिम तब तक जारी रहेगी, जब तक राज्य में इस समस्या का एक कण भी मौजूद है।

राज्य सरकार द्वारा की गई जनहितैषी पहलों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 51 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली हैं, 90% परिवारों को जीरो बिल मिल रहा है, और 2.5 करोड़ से अधिक लोगों का आम आदमी क्लीनिकों में मुफ्त इलाज किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लोगों से किए सभी वादों को पूरा करने के अलावा कई ऐसे काम भी किए हैं, जिनका कभी वादा नहीं किया गया था।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह यहां लोगों की सेवा करने आए हैं और उनका कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है, जिस कारण वह लोगों से की गई हर बात को पूरा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने देश में अपनी तरह की अनूठी पहल शुरू की है, जो राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने और कीमती जानें बचाने के लिए समर्पित सड़क सुरक्षा बल है।

उन्होंने कहा कि विशेष रूप से प्रशिक्षित नव-भर्ती 1597 जवान, जिनमें लड़कियां भी शामिल हैं, इस बल की रीढ़ की हड्डी के रूप में काम कर रहे हैं। इन्हें आधुनिक सुविधाओं से लैस 144 वाहन उपलब्ध कराए गए हैं, और पिछले साल फरवरी में इसकी शुरूआत के बाद से राज्य में दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों में 48.10% की कमी आई है।