सरपंच बोले : हमने तो जगह मुहैया करवा दी, डिस्पेंसरी बनाना सरकार का काम
ओढां (सच कहूँ /राजू)। गांव आनंदगढ़ (Anandgarh) के ग्रामीण पिछले करीब 8 वर्षों से गांव में पशु डिस्पेंसरी बनाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। डिस्पेंसरी न होने के अभाव में पशुपालन विभाग के कर्मचारी अन्य जगह बैठते हैं। ऐसे में न केवल विभाग के कर्मचारियों को अपितु ग्रामीणों को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण शीशपाल, नरेश कुमार, प्रकाश सिंह, दलवीर सिंह, तूफान सिंह, रमेश कुमार व कुलवंत सिंह आदि ने बताया कि उनके गांव में पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के कार्यकाल में पशु डिस्पेंसरी बनी थी। Sirsa News
उसके बाद से डिस्पेंसरी की इमारत खस्ताहाल में होने के चलते वहां पर कर्मचारियों को बैठने में परेशानी आने लगी। ऐसे में पंचायत ने विभाग के कर्मचारियों के बैठने के लिए अपने स्तर पर अन्य जगह अस्थाई रूप से इंतजाम कर दिया और डिस्पेंसरी की पुरानी इमारत को खंडहर घोषित करवाते हुए तुड़वा दिया। वहीं पंचायत ने डिस्पेंसरी की नई इमारत के लिए अन्य जगह भूमि भी मुहैया करवा दी। ग्रामीणों ने बताया कि वे डिस्पेंसरी बनाने को लेकर पिछले 8 वर्षांे से मांग कर रहे हैं। इसके लिए वे अनेकों बार अधिकारियों व राजनीतिक लोगों को भी शिकायत दे चुके हैं। Sirsa News
इसके अलावा बडागुढ़ा में आयोजित हुए मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम में भी ग्रामीणों द्वारा डिस्पेंसरी की इमारत की मांग रखी गई थी। ग्रामीणों ने कहा कि अगर डिस्पेंसरी बनती है तो वहां पर लोगों को अपने पशुओं का इलाज करवाने में परेशानी नहीं आएगी। इसके अलावा वहां अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। उन्होंने इस विषय में पशु डिस्पेंसरी की इमारत थी जिसे कंडम घोषित कर तुड़वा दिया गया। डिस्पेंसरी के लिए पंचायत ने करीब 6 कैनाल भूमि भी दे रखी है। हमने भूमि संबंधी प्रस्ताव पशुपालन विभाग को दे रखा है और अगर अन्य कोई औपचारिकता शेष है तो वो भी पूरी कर देंगे। हमारा कार्य भूमि देना है। डिस्पेंसरी बनाना सरकार का काम है। हमने इसके लिए मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम में मांग पत्र दिया था।
– विकास कुमार, ग्राम सरपंच।
पुरानी पशु डिस्पेंसरी की जगह कम थी। नई इमारत बनाने के लिए 6 कैनाल भूमि का प्रावधान है। ग्राम पंचायत ने 6 कैनाल भूमि पशुपालन विभाग को देने के लिए प्रस्ताव दिया है। वहीं लीज की औपचारिकता अभी बाकी है। औपचारिकता पूरी होते ही उच्चाधिकारियों को भेज दी जाएगी।
– डॉ. जगदीश सिला, वेटनरी सर्जन (जीवीएच रघुवाना)।
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