ठीक करवाने के लिए कटवा रहे चक्कर
पानीपत (सच कहूँ/सन्नी कथूरियां)। हरियाणा भर में लाखों पात्रों के अचानक राशन कार्ड से नाम काट दिया गया है। पानीपत जिले में भी हजारों पात्रों के नाम काट दिए गए हैं। मंगलवार को मिनी सचिवालय में उस वक्त हडकंप मच गया, जब अपने अपने नाम कटने के बाद ऐसे ऐसे लोग ठीक करवाने पहुंचे, जोकि सही से बोल भी नहीं पा रहे थे। उनकी उम्र 70 साल से पार थी। इनकी फैमली कऊ में सरकारी नौकरी दिखाकर नाम काटे गए हैं। इनके अलावा नाई, मजदूर समेत कई ऐसे योग्य पात्रों के नाम काटे गए, जिनके घर पर रोटी सरकार द्वारा मिल रहे गेंहू से ही बनती थी।
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केस एक: 70 वर्षीय महिला की दिखाई सरकारी नौकरी
सैनी कॉलोनी से आए 72 वर्षीय बुजुर्ग ज्ञानचंद ने बताया कि उनका भी राशन कार्ड से नाम काट दिया गया है। सरकार ने उनकी फैमली कऊ में उसकी 70 वर्षीय पत्नी की सरकारी नौकरी दिखाकर नाम काट दिया गया है। रणधीर ने बताया कि यह हाल तब है, जब उसकी पत्नी खुद से चलने में भी असर्मथ है। इढछ कार्ड के भरोसे ही उनकी दाल-रोटी चल रही थी। वह इसे ठीक करवाने आ रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई भी नहीं हो रही है। 4 दिन से धक्के खिलाए जा रहे हैं।
केस दो: नाई की दिखाई सरकारी नौकरी
समालखा के गांव आट्?टा से आए सोहन सिंह ने बताया कि वह पेशे से नाई है। घर पर उसके बुजुर्ग मां-बाप हैं। सरकार ने उनकी फैमली कऊ में उसके पिता और उसकी सरकारी नौकरी दिखाकर राशन कार्ड काट दिए हैं। 3 दिन से वह दुकान बंद कर सुबह यहां कार्ड ठीक करवाने आ रहा है, मगर हमेशा लाइन में लगकर बिना काम हुए वापिस चला जाता है।
केस तीन: मजदूर के पिता की दिखाई सरकारी नौकरी
असंध रोड स्थित गांव सौधापुर के रहने वाले रणधीर ने बताया कि वह मजदूरी करता है। उसके 75 वर्षीय पिता की सरकारी नौकरी दिखाकर राशन कार्ड से नाम काट दिया गया है। जबकि उसके पिता हर काम में असमर्थ है। इढछ कार्ड के भरोसे ही उसका परिवार चल रहा है।
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