Covishield Vaccine: भारत में लोगों को कोविशील्ड की रिपोर्ट से घबराने की जरुरत नहीं : हृदय रोग विशेषज्ञ

Covishield Vaccine
Covishield Vaccine: भारत में लोगों को कोविशील्ड की रिपोर्ट से घबराने की जरुरत नहीं : हृदय रोग विशेषज्ञ

नयी दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। Covishield Vaccine: देश के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञों का मानना है कि काेविड-19 की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में ब्रिटेन में आयी खबरों से आम जनता को घबराने की जरुरत नहीं है बल्कि ऐसी वैक्सीन के कारण लोगों की जान बची हैं।

प्रणव मुखर्जी समेत देश के तीन राष्ट्रपति के निजी चिकित्सक रह चुके डाॅ. मोहसिन वली ने ‘यूनीवार्ता’ से शुक्रवार को विशेष बातचीत में कहा कि कोरोना महामारी के आपातकाल के समय अधिक से अधिक लोगों की जान बचाने के लिए कम अवधि के शोध में तैयार वैक्सीनों में से एक ‘कोविशील्ड’ के दुष्प्रभाव की पुष्टि नहीं हुई है और न ही इसके बारे कोई अनुसंधान सामने आया है। Covishield Vaccine

डाॅ. वली ने कहा,“ मेरा मानना है कि लोगों को वैक्सीन के बारे में ब्रिटेन में जो हो रहा है, उसे अपने देश से नहीं जोड़ना चाहिए। वह न्यायालय और मुआवजे का मामला है। मैं तो कहता हूं कि इससे बहुत लाेगों की जान बची है। अगर साइड इफेक्ट की बात करनी ही है, तो यह दुर्लभ मामलों में कही गयी है। वैज्ञानिक किसी भी वैक्सीन के गुण -दोष पर उसे सुरक्षित मानते हैं। अगर एक वैक्सीन से लाखों लोगों की जान बचती है और कुछेक लोगों पर यह कुछ नकारात्मक प्रभाव छोड़ती है, तो उसके गुण के आधार पर इसे सुरक्षित मानकर लाखों जिंदगियां बचाई जाती हैं।”

उन्होंने कहा,“किसी ने भारत में अगर कोविशील्ड अथवा कोवैक्सीन लगवायी और अभी तक उन्हें कुछ हुआ नहीं, तो वे सुरक्षित हैं ,क्योंकि इसका किसी भी तरह का साइड इफेक्ट होता तो अब तक हो जाता। हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इस बात की पुष्टि की है कि हमारी दोनों वैक्सीन सुरक्षित हैं और आगे जाकर कुछ होता है, तो इस पर शोध जारी है।” Covishield Vaccine

उन्होंने कहा, “लाॅन्ग कोविड का प्रभाव जरुर देखा जा रहा है जो ब्रेन फॅाग, मेमोरी लाॅस आदि है। इसे वैक्सीन से नहीं जोड़ा जा सकता । थ्रोम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया संड्राेम(टीटीएस) वैक्सीन से हुआ है, अथवा कोविड से हुआ, इसका पता लगाना मुश्किल है। क्योंकि टीटीएस के मामले उन लाेगों में भी देखे गये थे जिन्हें कोविड हुआ। था। मेरी क्लीनिक में करीब चार हजार काेविड मरीजों का इलाज हुआ था, जो डाक्यूमेंटेड है, उनमें अब लाँग कोविड का प्रभाव देखा जा रहा है। मेरे पास आये एक मरीज के पैर में टीटीएस था। टीटीएस को कोविड और वैक्सीन से जोड़ने के लिए शोध की जरुरत है। इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट की संख्या गिर जाती है। ”

गंगाराम अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ. राजीव पासे ने भी माना है कि कोविशील्ड से देश में इस तरह के दुष्प्रभाव का मामला ना के बाराबर है। जिन्हें काेविड हो चुका अथवा जिन्होंने कोई भी कोविड वैक्सीन लगवाई है,उन्हें समय- समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी चाहिए। छह माह के नियमित अंतराल में दिल से संबंधित सभी जांच आवश्यक है। यह जांच केवल कोविड अथवा वैक्सीन के दुष्प्रभावों के लिए आवश्यक नहीं है,बल्कि आज की बदलती जीवन शैली और खान-पान के कारण भी स्वास्थ्य पर कई तरह के दुष्प्रभाव देखे जा रहे हैं। कोविड से उबरे लोगों को अचानक भारी कसरत, जिमिंग आदि नहीं करना चाहिए। डॉ. पासे ने कहा,“ सुबह-शाम की सैर और हल्के-फुल्के व्यायाम से अच्छे स्वास्थ्य की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है। Covishield Vaccine

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