Pensioners News: सीसीए पेंशन नियम संशोधन विधेयक का विरोध

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Pensioners News: सीसीए पेंशन नियम संशोधन विधेयक का विरोध

पेंशनर्स ने बताया हिटलरशाही वित्त विधेयक, एवं वित्त मंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन

Rajasthan Pensioners Protest: हनुमानगढ़। राजस्थान पेंशनर समाज ने सीसीए पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2025 (CCA Pension Rules Amendment Bill 2025) पर आपत्ति जताई है। पेंशनर समाज ने इसे हिटलरशाही वित्त विधेयक बताते हुए इसका विरोध किया है। बुधवार को राजस्थान पेंशनर समाज के बैनर तले पेंशनर्स ने जिला कलक्ट्रेट में इस विधेयक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए इसे वापस लेने की मांग की। इस मांग के संबंध में पेंशनर्स ने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपे। Pensioners News

मांग पूरी न होने पर पेंशनर्स समाज ने सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी दी। राजस्थान पेंशनर समाज अध्यक्ष आरएल कक्कड़ ने कहा कि भारत सरकार ने संसद की मंजूरी के लिए वित्त विधेयक पेश करते समय भारत की संचित निधि से पेंशन देनदारियों पर व्यय के लिए केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों और सिद्धांतों की मान्यता के लिए एक अध्याय शामिल किया है। इसके माध्यम से सरकार को पेंशनभोगियों के बीच अंतर स्थापित करने का अधिकार मिल गया है जो केन्द्रीय वेतन आयोग की स्वीकृत सिफारिशों पर लागू हो सकता है और विशेष रूप से पेंशनभोगी की सेवानिवृत्ति की तारीख या केन्द्रीय वेतन आयोग की स्वीकृत सिफारिश के संचालन की तारीख के आधार पर अंतर किया जा सकता है।

पेंशनरों को वर्गों में बांटकर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन किया

उक्त विधेयक के माध्यम से केन्द्र सरकार ने पेंशनर्स को 8वें वेतन आयोग के लाभ से वंचित करने व पेंशनरों को तिथि के आधार पर वर्गों में बांटकर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन किया है। साथ ही डीएस नकारा मामले में सर्वोच्च न्यायालय की सविधान पीठ के ऐतिहासिक निर्णय के चुनौती दी है। राजस्थान पेंशनर समाज इस हिटलरशाही वित्त विधेयक का घोर विरोध करता है, क्योंकि 7वीं सीपीसी जिसे 1 जनवरी 2016 से पहले और 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत कर्मचारियों के बीच समानता बनाए रखने के लिए सरकार की ओर से स्वीकार किया गया था, यह विधेयक इस प्रकार की समानता को खतरा कर देता है। Pensioners News

इसके अलावा, जब से 8वीं सीपीसी की घोषणा की गई है। देश भर के पेंशनभोगी अपने पेंशन संशोधन और 1 जनवरी 2026 से पहले सेवानिवृत हुए पेंशनभोगियों और 1 जनवरी 2026 (8वीं सीपीसी की सिफारिशों की अपेक्षित तिथि) के बाद सेवानिवृत होने वाले पेंशनभोगियों के बीच समानता बनाए रखने के बारे में चिंतित है। वर्तमान निर्णय पेशनभोगियों पर एक बड़ा झटका है और इसलिए सरकार को इस पर पुनर्विचार करने और इसे वापस लेने की आवश्यकता है।

पेंशनभोगियों के बीच समानता बनाए रखने के बारे में चिंतित

कक्कड़ ने कहा कि राजस्थान पेंशनर समाज के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर राजस्थान पेंशनर समाज की जिला शाखा केन्द्र सरकार के इस निर्णय का घोर विरोध करते हुए केन्द्र सरकार से इस विधेयक पर पुनर्विचार कर पेंशनरों के हित में निर्णय लेने की मांग करती है। यदि विधेयक में पेंशनरों पर कुठाराघात सम्बधी बिन्दु नहीं हटाए गए तो राजस्थान पेंशनर समाज को पूरे प्रदेश में आंदोलनात्मक रूख अपनाने को मजबूर होना पड़ेगा।

इसके लिए आगे चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। उम्र के इस पड़ाव में पेंशनरों को सड़क पर उतरने और आमरण अनशन पर बैठने की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की होगी। इस मौके पर अखिलेश कौशिक, मोहनलाल, सुरेन्द्र कुमार, मनोहर लाल, मोहम्मद इशाक खान, हरीशचन्द्र महला, जसविन्द्र सिंह, पटेलराम बेनीवाल, नोपसिंह यादव, हनुमान राम बिश्नोई, रामलाल, मनीराम, जगदीश शर्मा सहित कई पेंशनर्स मौजूद थे। Pensioners News

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