डोकलाम विवाद के बाद भारत-चीन ने माना
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत-चीन ने सिक्किम सेक्टर के डोकलाम और लद्दाख में हाल ही में हुए सैन्य टकराव के बाद पहली बार बॉर्डर पर हालात का रिव्यू किया। इसके लिए बीजिंग में मीटिंग हुई। इसमें इस बात पर सहमति जताई कि बेहतर रिश्तों के के लिए शांति बनाए रखना जरूरी है। बीजिंग स्थित इंडियन एंबेसी से शुक्रवार को जारी एक स्टेटमेंट में यह जानकारी दी गई। वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कन्सल्टेशन एंड को-आॅर्डिनेशन की 10वें दौर की मीटिंग में दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर हालात का रिव्यू किया गया। इसके बाद जारी स्टेटमेंट में कहा गया, “बातचीत क्रिएटिव और पॉजिटिव तरीके से हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा के सभी सेक्टरों में हालात का रिव्यू किया और दोनों ने इस बात पर रजामंदी जताई कि दोनों तरफ से रिश्तों की मजबूती के लिए बॉर्डर पर शांति बनाए रखना जरूरी है।”
इस मीटिंग में दोनों देशों की सेनाओं के बीच बेहतर रिश्ते बनाने के लिए विचार साझा करने पर भी चर्चा हुई। मीटिंग में भारत की ओर से फॉरेन मिनिस्ट्री के ज्वाइंट सेक्रेटरी (ईस्ट एशिया) प्रणय वर्मा और चीन की ओर से एशियाई मामलों के डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनरल शियाओ कुआन शामिल हुए। इसके अलावा दोनों ओर से डिप्लोमैट्स और मिलिट्री आॅफिशियल्स ने भी बातचीत की। बता दें कि भारत और चीन के बीच का बॉर्डर पर विवाद 3,488 किमी लंबी लाइन आॅफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर है। डिब्बीक्या था डोकलाम विवाद?डोकलाम में विवाद 16 जून को तब शुरू हुआ था, जब इंडियन ट्रूप्स ने वहां चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। हालांकि चीन का दावा था कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा था। इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 ‘े लंबा बॉर्डर है। इसका 220 ‘े हिस्सा सिक्किम में आता है।