Doctors Strike : पैसे भी लग गए और डॉक्टर भी नहीं मिला! सरसा में डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज अस्पताल में हुए बेहाल!

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Doctors Strike : सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार को एसोसिएशन से जुड़े सरकारी चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे। सुबह 9 बजे से 11 बजे तक हड़ताल रखी गई। चिकित्सकों के हड़ताल पर रहने के दौरान जिला के नागरिक अस्पताल की ओपीडी स्लिप सुविधा भी शुरू नहीं हुई। जिससे मरीजों को इलाज नहीं मिलने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ा। Sirsa News

सप्ताह का पहला दिन होने और डॉक्टरों की दो घंटे की हड़ताल के चलते अस्पताल की ओपीडी में लंबी-लंबी लाइनें देखी गई। नागरिक अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों को कई घंटों तक ओपीडी के बाहर डॉक्टर के इंतजार में खड़े रहे, लेकिन डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने के कारण उनको इलाज नहीं मिला। इससे पूर्व हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन से जुड़े सभी चिकित्सक अस्पताल में एकत्रित हुए और अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर रोष व्यक्त किया। डॉक्टरों ने कहा कि अगर सरकार मांगे नहीं मानती है तो 25 जुलाई के बाद अनिश्चित हड़ताल पर जाएंगे।

11:30 के बाद शुरू हुई ओपीडी स्लिप बनना | Sirsa News

दरअसल रविवार की छुट्टी होने के कारण सोमवार को ओपीडी खुली तो मरीजों की संख्या भी ज्यादा रही। मरीज उपचार करवाने के लिए जैसे ही ओपीडी काउंटर पर गए तो उन्हें पता चला कि डॉक्टर दो घंटे की हड़ताल पर है। इसके चलते मरीजों ने बाहर बैठकर ओपीडी काउंटर खुलने का इंतजार किया। हालांकि सुबह 9 से 11 बजे तक चिकित्सक हड़ताल पर रहे, लेकिन ओपीडी स्लिप बनना भी शुरू नहीं हुई। जिससे मरीजों को अधिक परेशानी हुई।

वहीं चिकित्सकों की हड़ताल 11 बजे तक थी, लेकिन 11: 30 बजे के बाद ही ओपीडी स्लिप बननी शुरू हुई। जिससे काउंटरों के बाहर एक दम से मरीजों का हुजूम उमड़ पड़ा। भीषण गर्मी और लंबी-लंबी लाइनों के चलते अस्पताल में उपचार कराने आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इनमें गर्भवती महिलाओं, दिव्यांगजनों, छोटे बच्चों को लेकर इलाज के लिए आई महिलाओं और बुजुर्गों को अधिक परेशानी हुई। मरीजों का कहना था कि चिकित्सकों को हड़ताल संबंधी पूर्व में सूचना देनी चाहिए थी।

डॉक्टर तो हड़ताल पर चले गए, मरीज कहां जाएं इलाज लिए…

कालांवाली से अपने लड़के का इलाज कराने आई सर्वजीत ने कहा कि वह सुबह नौ बजे अस्पताल में पहुंच गई थी। यहां आकर उन्हें डॉक्टरों के हड़ताल पर होने की जानकारी मिली। डॉक्टरों के हड़ताल और ऊपर से पड़ रही भीषण गर्मी के चलते बच्चे के साथ-साथ उन्हें भी परेशानी हुई है। उन्होंने कहा कि ओपीडी स्लिप की सुविधा भी बंद रखी गई। अगर ओपीडी सुविधा शुरू रहती तो इतनी ज्यादा परेशानी नहीं होती। सर्वजीत ने कहा कि डॉक्टर ने तो अपनी समस्या के लिए हड़ताल कर ली, लेकिन बीमार होने पर मरीज को तो इलाज चाहिए, तो वह कहां जाए। अगर प्राइवेट में ही जाना होता तो सरकारी अस्पताल का क्या फायदा है।

बैठने की भी नहीं मिली सुविधा | Sirsa News

सरसा से नागरिक अस्पताल में पहुंचे रवि ने बताया कि उन्हें हड़ताल संबंधी पूर्व में कोई सूचना नहीं थी। उनके मरीज की हालात गंभीर है और लेकिन चिकित्सक नहीं है। आर्थिक स्थिति के चलते वह प्राइवेट अस्पताल में जा नहीं सकते। इसलिए सरकार को चाहिए कि अगर कोई चिकित्सक हड़ताल पर जाता है तो उसकी जगह पर अन्य चिकित्सक का प्रबंध जरूर करें, ताकि गरीब जनता को परेशानी का सामना ना करना पड़े। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भीषण गर्मी में मरीज के बैठने और गंभीर मरीजों के लिए कोई सुविधा नहीं है।

पैसे भी लग गए और डॉक्टर भी नहीं मिला

केलनियां से बुर्जुग महिला दीप कौर ने बताया कि वह अपने लड़के का अल्ट्रासाउंड दिखाने आई थी। अगर उसे पता होता कि डॉक्टर हड़ताल पर है तो वह आज आती ही नहीं। दीप कौर ने कहा कि वह अस्पताल में लड़के के इलाज के लिए बार-बार चक्कर काटकर परेशान हो चुकी है। सुबह आने पर उसके 100 रूपए लगे है और अब वापिस जाने पर भी 100 रुपए लगेंगे और डॉक्टर भी नहीं मिल पाया।

इन मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे चिकित्सक

उप सिविल सर्जन डा. बुधराम ने बताया कि हमने पहले भी सरकार के सामने अपनी मांगें रखी थी। उस समय तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने आश्वासन दिया था कि सरकार उनकी मांगों पर विचार कर रही है और जल्द उन्हें पूरा किया जाएगा। लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। इसके चलते मजबूरन उन्हें हड़ताल करनी पड़ रही है, इसकी जिम्मेदार सरकार है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि हरियाणा में डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाए। स्वास्थ्य विभाग में जो कमियां हैं, उन्हें भी दूर किया जाए। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञों की भारी कमी है, इसलिए स्पेशलिस्ट का अलग से कैडर बनाया जाए। एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगाई जाए और पीजी बॉन्ड की कीमत 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक की जाए। Sirsa News

हरियाणा सिविल मेडिकल सविज़्सेज एसोसिएशन के बैनर तले जिले के सरकारी चिकित्सकों ने 2 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक की है। लेकिन इस दौरान इमरजेंसी सुविधा जारी रही है। जो गंभीर मरीज हैं, उनको एडमिट भी किया गया है। वहीं ओपीडी स्लिप की सुविधा हड़ताल के समय बंद रहने के बारे में उन्होंने कहा कि इसके बारे में वह जांच करेंगे।

डा. महेंद्र भादू, सिविल सर्जन सरसा।

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