शिक्षा व लोक निर्माण विभाग मंत्री विजय इंद्र सिंगला और पटियाला से सांसद परनीत कौर ने किया अध्यापकों को सम्मानित | Honored
- विद्यार्थियों को प्लास्टिक मुक्त व स्वच्छ पर्यावरण का निर्माण करने के लिए प्रेरित करें अध्यापक : परनीत कौर
- अध्यापकों की नई भर्ती जनवरी से, अध्यापक की नहीं रहेगी कमी : सिंगला
पटियाला(सच कहूँ/खुशवीर सिंह तूर)। शिक्षा व लोक निर्माण विभाग मंत्री विजय इंद्र सिंगला और (Honored) पटियाला से सांसद परनीत कौर और ने आज पटियाला में जिले के सरकारी स्कूलों के 1716 उन अध्यापकों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने मार्च 2019 के परीक्षाओं में 100 प्रतिशत परिणाम दिखाने व स्मार्ट स्कूल बनाने में अपना विलक्षण योगदान दिया। उनके साथ स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार भी मौजूद थे। इस मौके शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने स्कूलों में अध्यापकों और विद्यार्थियों के अनुपात को रैशनेलाईजेशन नीति के अंतर्गत 31 दिसंबर 2019 तक संग्रहित कर 1 जनवरी 2020 से मार्च तक हर विषय के अध्यापकों के रिक्त पड़े पदों की नयी भर्ती की जायेगी।
इस लिए अध्यापक रैशनेलाईजेशन नीति लागू करने में सरकार का साथ दें। उन्होंने बताया कि सरकार ने नयी आॅनलायन तबादला नीति के अंतर्गत अध्यापकों की मेरिट को इस के साथ जोड़ा व 7000 तबादले किए। इसी तरह नॉन टीचिंग विभाग के तबादले भी आॅनलाईन किए जाएंगे। सिंगला ने कहा कि शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए अपना योगदान देने वाले अध्यापकों को सम्मानित करने के फैसले के अंतर्गत इस साल 15000 अध्यापकों का सम्मान किया जा रहा है और अगले साल 30000 अध्यापकों को सम्मानित किया जाएगा।
निजी स्कूलों को पीछे छोड़ रहे सरकारी स्कूल : कृष्ण कुमार |Honored
- प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार ने कहा कि पहले सरकारी स्कूलों के परिणाम अच्छे नहीं आते थे
- परंतु मार्च 2018 में नकल बंद करने के बावजूद मार्च 2019 में विद्यार्थियों ने
- अध्यापकों के योगदान की वजह से 30 प्रतिशत अच्छे नतीजे दिखाए हैं।
- उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल अब निजी स्कूलों को भी पीछे छोड़ रहे हैं
- उम्मीद है कि समूह ध्यापक मार्च 2020 में शत -प्रतिशत मिशन को पूरा करेंगे।
3300 स्कूल स्मार्ट बने, अन्य स्कूलों को स्मार्ट बनाने की तैयारी | Honored
शिक्षा मंत्री ने कहा कि नयी स्मार्ट स्कूल नीति के अंतर्गत राज्य के 19 हजार स्कूलों में से 3300 स्कूल स्मार्ट बनाए गए हैं। अन्य स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए कोई भी समाज सेवीं संस्था, एनआरआई या स्थानीय व्यक्ति योगदान दे सकता है, बशर्ते कि उसका पृष्टभूमि अच्छे चाल चलन वाला हो। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से इस लिए अपेक्षित साजो समान मुहैया करवाया जायेगा और सहयोगी संस्था के नाम पर स्कूल के एक ब्लाक का नाम रखा जाएगा।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।