पति मनोज ने दिया पढ़ाने का वचन
गुरुग्राम/मेवात(संजय मेहरा/सच कहूँ)। गुरुग्राम से विभाजित होकर अलग जिला बने (पहले सत्यमेव पुरम और फिर मेवात) नूंह में बेटियां अज्ञानता के अंधेरे से निकलकर उजाले की दुनिया में जाने को बेताब हैं। इसकी बड़ा उदाहरण बनी है मेवात के खंड पुन्हाना की बेटी सोनिया। शिक्षा की दृष्टि से पिछड़े नूंह जिला के गांव मल्हाका निवासी जगराम एवं कमला देवी की पुत्री सोनिया ने अपनी शादी के दिन भी परीक्षा को महत्वपूर्ण माना और पिनगवां कस्बे के आईकेएम पब्लिक सीनियर सैकेंडरी स्कूल के परीक्षा केंद्र में परीक्षा दी। उसका दसवीं कक्षा का अंग्रेजी का पेपर था।
सोनिया के स्कूल ड्रेस में होने के बीच लाल रंग की शॉल ओढ़े हुए, हाथों में मेहंदी, कलाई पर कंगन बंधे देख केंद्र में शिक्षक से पूछे बिना नहीं रहा पाया। तब सोनिया ने बताया कि आज उसकी शादी है। इस पर सोनिया को सभी ने बधाई दी। मल्हाका गांव की सोनिया शिक्षा के प्रति अलख जगाने का बड़ा उदाहरण कही जा सकती है। उसके माँ-बाप अशिक्षित हैं, लेकिन उसने शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए अपनी शादी के दिन भी दसवीं कक्षा की परीक्षा दी।
नाबालिग की शादी की बात भी उठी
सोनिया की शादी को लेकर यह बात भी उठी कि वह दसवीं में पढ़ती है तो नाबालिग है। इस लिहाज से उसकी शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है। इस पर परिजनों की ओर से बताया गया कि सोनिया ने दो साल पढ़ाई छोड़ दी थी। इसलिए उसकी उम्र कानूनन रूप से शादी की हो चुकी है।
डेट शीट घोषित होने से पहले हुई थी शादी तय
सोनिया ने बताया कि उसकी शादी लगभग तीन माह पहले तय हो चुकी थी। कुछ दिन बाद पेपर की डेट शीट घोषित हुई। फिर भी सोनिया ने शादी के दिन पेपर देने का फैसला किया और 12 मार्च को पिनगवां जाकर अंग्रेजी की परीक्षा दी। वहीं सोनिया के पति मनोज ने सात फेरे लेने के बाद कहा कि उसे खुशी है कि उसकी पत्नी ने ऐसा ऐतिहासिक और साक्षरता रूप से पिछड़े जिले की बेटियों को एक सपना और रास्ता दिखाया है। वह सदा सोनिया के ऐसे फैसले का सम्मान करेगा और उसे आगे पढ़ने में पूरी मदद करेगा।
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