नई दिल्ली (एजेंसी)। देश के 25 पिछड़े जिलों में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के जरिये मानव विकास सूचकांक में सुधार के उद्देश्य से नीति आयोग ने आज पिरामल फाउंडेशन के साथ करार किया। इस साझेदारी के तहत पिरामल फाउंडेशन इन जिलों में स्वास्थ्य देखभाल, पोषण और शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की दिशा में काम करेगा। वह ‘ट्रांसफॉर्मेशन आॅफ एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स’ कार्यक्रम में सहयोग के लिए जिलाधीशों और प्रमुख अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेगा।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और पिरामल समूह के अध्यक्ष अजय पिरामल भी मौजूद थे। कांत ने कहा कि सरकार द्वारा चुने गये 115 पिछड़े जिलों को ‘संभावना वाले जिलों’ का दर्जा दिया गया था। इनका चुनाव स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास, कृषि, जल संसाधन और बुनियादी ढांचे से संबंधित छह सामाजिक-आर्थिक मापदंडों पर किया गया था। इन जिलों में से 25 जिले नीति आयोग को मिले हैं, जबकि नक्सल प्रभावित 33 जिले गृह मंत्रालय के पास हैं।
शेष जिले विभिन्न केन्द्रीय विभागों को दिये गये हैं। नीति आयोग को मिले 25 जिलों में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए फाउंडेशन के साथ साझेदारी की गयी है। इस अवसर पर पिरामल ने कहा कि जब भी कुछ अभिनव किया जाता है, उसके साथ जोखिम आता ही है। यही वह क्षेत्र है जहां निजी क्षेत्र ऐसी चुनौतियों से निपटने में सरकार की सहायता कर सकता है। बड़े पैमाने पर सामाजिक बदलाव के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी की आवश्यकता होती है। उनके फाउंडेशन को इन पिछड़े जिलों में सुधार के लिए सहयोग के लिए नीति आयोग द्वारा चुना जाना सुखद है।