- कांग्रेसी सांसदाें ने संसद सत्र के पहले दिन किसानों की मांग सहित विभिन्न मुद्दों पर परिसर में प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, राहुल गांधी भी शामिल रहे।
- दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि देने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित
- पीएम बोले- गरिमा के साथ देशहित में हो चर्चा, हम हैं तैयार
नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र के प्रारंभ से पहले सदस्यों से दोनों सदनों में बहस करते हुये और सरकार से सवाल पूछते हुये मर्यादित आचरण की अपील करते हुये सोमवार को कहा कि सरकार संसद में हर विषय पर चर्चा करने को तैयार है। संसद की कार्यवाही के ठीक पहले संवाददाताओं से परंपरागत चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “सरकार संसद में हर विषय पर चर्चा करने को तैयार है, खुली चर्चा करने को तैयार है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम संसद में ऐसा आचारण करे जो भविष्य में युवाओं के लिए काम आये।” उन्होंने कहा कि संसद में सवाल भी होने चाहिये, लेकिन शांति के साथ। उन्होंने कहा, “सवाल भी हो और शांति भी रहे।”
उन्होंने कहा कि विपक्ष को सरकार की आलोचना करने का पूरा अधिकार है, लेकिन सदन की गरिमा बनाये रखना जरूरी है। उन्होंने कहा, “सरकार की तीखी आलोचना हो, लेकिन स्पीकर और संसद की गरिमा बनी रहे।” मोदी ने कोरोना के खतरे की तरफ आगाह करते हुये कहा कि कोरोना से बचाव के लिये बराबर सावधानी रखना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि संसद का शीतकालीन सत्र राष्ट्र के विकास की दृष्टि से सार्थक होगा। हम चर्चा के माध्यम से देश के विकास का रास्ता निकालेंगे। संसद की पहचान इस वास्ते होगी कि संसद में कितना अच्छा काम हुआ,न कि सदन में कितना हंगामा हुआ।
आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा में एमएसपी पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया
आम आदमी पार्टी ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन किसानों को उनकी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दिए जाने से संबंधित मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
उच्च सदन में पार्टी के नेता संजय सिंह ने यह नोटिस देते हुए सदन में सभी विधायी कामकाज रोक कर इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की है। उल्लेखनीय है किसिंह ने रविवार को ही सर्वदलीय बैठक में भी यह मुद्दा उठाया था और उनकी बात ना सुने जाने पर बैठक का बहिष्कार किया था। सदन के एक और सदस्य टीआरएस के डॉ के केशव राव ने भी केंद्र सरकार की फसलों की खरीद नीति में तेलंगाना के साथ भेदभाव के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के सदस्य विनय विश्वास ने भी एमएसपी के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है और 23 दिसंबर तक इसकी 19 बैठकें होंगी।
विपक्ष उठाएगा किसानों का मुद्दा
विपक्षी दलों ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसान , कृषि, एमएसपी को कानूनी रूप देने, महंगाई, पेट्रोल डीजल की कीमत, बेरोजगारी, पेगासस, कोरोना , त्रिपुरा हिंसा और बीएसएफ के क्षेत्राधिकार जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगें। विपक्ष ने जोर देकर कहा है कि वह सरकार से उपरोक्त मुद्दों सहित हर ज्वलंत विषय पर सवाल पूछेगा और उसकी विफलताओं को देश के सामने रखेगा। भले ही विपक्ष लामबंद न दिखाई दे रहा हो लेकिन विभिन्न राजनीतिक दल अपने अपने मुद्दों को लेकर कड़े तेवर अपना रहे हैं और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले वे अपनी अपनी बात को देश की सर्वोच्च संस्था में उठाने का मौका हाथ से नहीं जाने देंगे। कल आम आदमी पार्टी के संजय सिंह के सर्वदलीय बैठक के बीच में ही बहिष्कार से इस बात को बखूबी समझा जा सकता है।
सरकार कई विधेयक पेश कर सकती है
सरकार भी विपक्ष के हमलों को नाकाम कर अधिक से अधिक विधायी कामकाज निपटाने की व्यापक रणनीति बनाने में जुटी है। सरकार ने सुशासन और विकास के अपने एजेंडे को आगे बढाने के लिए 25 से भी अधिक विधेयकों को सूचीबद्ध किया है। इनमें विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने से संबंधित विधेयक के अलावा, क्रिप्टोकरंसी से संबंधित विधेयक, बिजली संशोधन विधेयक 2021, पेंशन सुधार संबंधी विधेयक, दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021, ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2021 और मध्यस्थता विधेयक 2021 आदि शामिल हैं।
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