संसद: कैग की रिपोर्ट में दावा- 126 के बदले 36 राफेल विमानों की डील कर भारत ने 17.08% पैसा बचाया

India Has Shown 17.08% Money Dealing 36 Rafale Claim-126 CAG Report

नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट राज्यसभा में पेश हुई

नई दिल्ली। वायुसेना की खरीद से जुड़ी नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट बुधवार को राज्यसभा में पेश कर दी गई। इस ( India Has Shown 17.08% Money Dealing 36 Rafale Claim-126 CAG Report ) रिपोर्ट में राफेल डील से जुड़े विवरण भी शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 126 विमानों की पुरानी डील से तुलना करें तो 36 राफेल विमानों का नया सौदा कर भारत 17.08% पैसा बचाने में कामयाब रहा है। वहीं, पुरानी डील के मुकाबले नई डील में 18 विमानों की डिलीवरी का समय बेहतर है। शुरुआती 18 विमान भारत को पांच महीने जल्दी मिल जाएंगे।

मीडिया रिपोर्ट में कैग से विपरीत दावे, राहुल ने इसी को मुद्दा बनाया

अंग्रेजी अखबार द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के तीन वरिष्ठ अफसरों की टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि मोदी सरकार की राफेल डील यूपीए सरकार के समय मिले ऑफर से बेहतर नहीं है। मोदी सरकार ने 36 तैयार राफेल लड़ाकू विमानों की डील है। जबकि यूपीए के समय दैसो कंपनी ने 126 राफेल विमानों का ऑफर दिया था। भारतीय वार्ताकारों के दल में शामिल इन तीनों अफसरों ने 1 जून 2016 को वार्ताकार दल के प्रमुख और डिप्टी चीफ एयर स्टाफ को सौंपे नोट में ये बातें कही थीं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘अफसरों ने कहा था कि नई डील में 36 में से 18 राफेल विमानों की डिलिवरी भी पुराने ऑफर के तहत मिलने वाले 18 विमानों से धीमी रहेगी। ड्राफ्ट सौदे में फ्लायअवे विमानों की डिलिवरी का समय 37 से 60 महीने के बीच तय किया गया था। लेकिन फ्रांस ने बाद में डिलिवरी का वक्त 36 से 67 महीने तय कर दिया। वहीं, यूपीए सरकार के समय फ्रांस सरकार ने 18 राफेल विमानों की डिलिवरी का समय 36 से 53 महीने के बीच तय किया था।’’

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