16 सालों से पराली को नहीं लगाई आग

Parali

वातावरण का रक्षक बना किसान जगसीर (Parali )

  • दस सहायक धंधे अपनाकर किसान कर रहा अच्छी कमाई

  • धान के अवशेष की तूड़ी बनाकर भेज रहा गौशाला में

बरनाला (सच कहूँ/जसवीर गहल)। गांव रुड़ेके कलां के प्रगतिशील किसान जगसीर सिंह ने पिछले 16 वर्षो से पराली को आग नहीं लगाई व पराली के अवशेष की संभाल कर उसको गोशाला में भेज देता है। वह दस प्रकार के सहायक धंधे कर खूब कमाई भी कर रहा है। गांव रुड़के कलां के जगसीर सिंह पांच एकड़ में धान लगाता है व बाकी जमीन सहायक धंधों के लिए प्रयोग करता है, जिससे उसकी कमाई भी होती है और वातावरण भी बचा रहा है। जगसीर सिंह ने 16 वर्षों से धान की पराली को आग नहीं लगाई, जिनकी प्रशंसा करनी बनती है। वह फसलों के अवशेष का कुत्तरा कर गौशाला में भेज देता है, जहां उसकी तूड़ी के रूप में पशुओं के लिए प्रयोग किया जाता है।

कृषि विभिन्न बनी वरदान

किसान जगसीर सिंह ने बताया कि उसके द्वारा कृषि के साथ-साथ दस सहायक धंधों के साथ अच्छा पैसा कमा रहा है। जगसीर सिंह ने माडल फार्म बनाया हुआ है, जो पंद्रह एकड़ में है। इसमें वह दालों, गेहूं, धान व मक्की भी बीजता है। एक एकड़ में बेरी का बाग, बकरी पालन का धंधा, बतख पालन का धंधा, कड़कनाथ,चकौर पालन, खरगोश पालन, मक्खी पालन, फार्म बाउंडरी व फलदार वृक्ष का धंधा करता है।

अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बना जगसीर

मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. बलदेव सिंह ने किसान जगसीर सिंह के फसल विभिन्नता के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जिला में फसल विभिन्नता के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अन्य किसानों व विशेष रूप युवाओं को भी प्रगतिशील किसान जगसीर सिंह प्रेरणा लेनी चाहिए।

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