1लाख 35 हजार रूपए जुर्माना भी लगाया
पानीपत (सन्नी कथूरियां) थाना किला क्षेत्र के अंतर्गत कालोनी में वर्ष 2019 में 3 वर्षीय मासूम बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या करने के दोषी को माननीय न्यायालय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सुखप्रीत सिंह की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मंगलवार को दोषी राजेश को आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। सजा के साथ दोषी पर 1 लाख 35 हजार रूपए जुर्माना लगाया है।
मामले में पानीपत पुलिस द्वारा पुलिस अधीक्षक श्री शशांक कुमार सावन के मार्गदर्शन में उत्कष्ट जांच व मजबूती के साथ साक्ष्य जुटाकर फाइल पर लाए गए थे। जिला न्यायावादी कार्यालय द्वारा मामले में मजबूत पैरवी कर दोषी को सजा दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई।
थाना किला में कालोनी निवासी एक युवक ने 14 मार्च 2019 को शिकायत देकर बताया था की उसकी 3 वर्षीय बेटी बाद दोपहर करीब 12:30 बजे से घर से गायब थी। उसने पत्नी के साथ बच्ची की आसपास में तलाश की तो पड़ोस की एक औरत ने बताया की उसने बच्ची को कुछ देर पहले पड़ोसी राजेश के कमरे पर देखा था। इसके बाद सभी राजेश के कमरे पर गए तो उन्हे देखकर राजेश वहा से भाग गया। तलाशी लेने पर राजेश के कमरे के साथ लगते कमरे में बच्ची बेसुध हालत पड़ी थी। उसकी गर्दन पर कई निशान मिले। वह बच्ची को तुरंत सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे जहा डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
थाना किला पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर संभावित ठीकानों पर दंबिस देते हुए उसी साय आरोपी राजेश को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की तो आरोपी ने दरिंदगी के बाद बच्ची की हत्या करने बारे स्वीकारा था। दर्ज मामलें में आईपीसी की धारा 376,511 व 4 पाक्सो एक्ट इजाद कर आरोपी को माननीय न्यायालय में पेश किया गया था। मजबूती के साथ साक्ष्य जुटाकर फाइल पर लाए गए।
माननीय न्यालय ने दोषी राजेश को 6 पाक्सो एक्ट में आखरी सांस तक जेल में रहने की सजा व 25000 रूपए जुर्माना, आईपीसी की धारा 376ए में आखरी सांस तक जेल, आईपीसी 376एबी में आखरी सांस तक जेल व 25 हजार रूपए जुर्माना, आईपीसी 302 में आजीवन कारावास व 25 हजार रूपए जुर्माना, आईपीसी 364 में आजीवन कारावास व 25 हजार रूपए जुर्माना, आईपीसी 201 में 7 साल की सजा व 10 हजार रूपए जुर्माना, जुर्माना अदा ना करने पर एक साल की अतिरिक्त सजा, आईपीसी 366 में 5 साल की सजा 15 हजार रूपए जुर्माना, जुर्माना अदा ना करने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा व आईपीसी 363 में 3 साल की सजा, 10 हजार रूपए जुर्माना, जुर्माना राशि अदा ना करने पर 3 महीने की अतिरिक्त सजा सुनाई।
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