ड्यूटी मजिस्ट्रेट से पंचायत व कब्जाधारियों ने मांगा दो दिनों का समय
Gindara Panchayat Land Case: खारियां (सच कहूँ/सुनील कुमार)। जिले के गांव गिंदड़ा में हाईकोर्ट के आदेश पर पंचायती जमीन पर बने घरों से कब्जा छुड़वाने की कार्यवाही शुक्रवार को सिरे नहीं चढ़ी। जिसका कारण कब्जाधारियों व ग्राम पंचायत की ओर से मौके पर पहुंचे ड्यूटी मजिस्ट्रेट से दो दिन की मोहलत मांगना रहा। हालांकि ड्यूटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में घरों से कब्जा छुड़वाने पहुंची टीम ने पैमाइश का कार्य पूरा कर लिया। Sirsa News
दरअसल गांव में गली पर हुए कब्जे को छुड़वाने के लिए करीब दो महीने पूर्व हाई कोर्ट की ओर से आदेश दिए गए थे। जिसके पश्चात कब्जाधारियों को पंचायती जमीन खाली करने के लिए 6 जनवरी तक का समय दिया गया। शुक्रवार को पचायती राज विभाग रानियां से एडीओ अंकुर को पुलिस बल के साथ डयूटी मजिस्ट्रेट बनाकर गांव में भेजा गया। सुबह करीब 12 बजे डयूटी मजिस्टे्रट अंकुर, कानूनगो अशोक कुमार, ग्राम सचिव अमित कुमार, रानियां थाना प्रभारी दिनेश कुमार पुलिस बल के साथ सरपंच जसवंत घोड़ेला व ग्राम पंचायत की मौजूदगी में कब्जा स्थल पर पहुंचे।
कब्जाधारी को दिया दो दिन में कब्जा वाली जगह खाली करने के निर्देश
इस दौरान गांव में कोर्ट के आदेशों की पालना करने पहुंचे प्रशासन के समक्ष ग्राम पंचायम व कब्जाधारियों ने मकान खाली करने के लिए दो दिनों का समय और मांग लिया। बाद में ग्राम पंचायत व ग्रामीणों की समस्या को सुनते हुए ड्यूटी मजिस्ट्रेट अंकुर ने मकान खाली करने के लिए कब्जाधारियों व ग्राम पंचायत को दो दिन की मोहलत दे दी। वहीं दूसरे पक्ष से भागीरथ व रणवीर का कहना है कि शिकायकर्ता की खुद की
दुकान व मकान का कुछ हिस्सा पंचायती जगह में आता है और वह करोड़पति है। जिसने पैसों के बल पर केस जीता है तथा इस केस में पूरी राजनीति शामिल है। उन्होंने कहा है कि वे आर्थिक रूप से कमजोर हैं इसलिए वो इन्हें केस के दम पर दबाना चाहता है। बता दें कि गांव की इस गली में करीब 12 परिवार ऐसे हैं जिनके मकान व दुकानें पंचायती जगहों पर बनाई गई है। इनमें से कुछ लोगों ने कोर्ट के आदेश आते ही अपने मकानों को पंचायती जगहों से तोड़कर अपनी जगहों पर बनाने शुरू कर दिए है तो वहीं कुछ लोग अभी भी पंचायती पैमाइश को गलत बताते हुए पंचायती जगहों पर बने बैठे हैं।
क्या है पूरा मामला | Sirsa News
शिकायतकर्ता घनश्याम पुत्र रामजी लाल जो गांव में खाद-बीज, कीटनाशक विक्रेता तथा व्यापार का कार्य करता है। उसके दुकान पर सामान से भरे ट्रक आते जाते रहते हैं और भागीरथ, रणवीर व महावीर उनके पड़ोसी हैं। बताया जा रहा है कि जनवरी 2017 मेंं भागीरथ व रणवीर ने पंचायती गली में शौचालय (कुई) खोदने का कार्य कर रहे थे। उस समय घनश्याम ने उन्हें गली में कुई खोदने के लिए मना किया था। लेकिन उन्होंने घनश्याम को गाली-गलौच किया और कार्यवाही करने की धमकी दी। जिसके बाद घनश्याम ने जनवरी 2017 में सीएम विंडों पर अपनी शिकायत दर्ज करवाई।
घनश्याम ने बताया कि उनके घरों के आगे से करीब साढे 38 फीट चौड़ी गली है और भागीरथ, रणवीर व महावीर ने कब्जा कर रखा है। जिसके बाद उनका केस सिविल कोर्ट, सैशन कोर्ट से होते हए हाई कोर्ट पहुंचा। जहां पर वह केस जीत गया और करीब दो महीने पूर्व पंचायती गली पर कब्जे में बने मकानों को खाली करने के आदेश आ गए। मकानों को खाली करने की अंतिम तिथि 6 जनवरी है। जिसके पश्चात शुक्रवार को विभाग की टीम गांव में पहुंची।
एक दर्जन घरों का पंचायती जगह पर कब्जा | Sirsa News
यह गली करीब साढे 38 फीट चौड़ी है और इसमें एक दर्जन घरों का पंचायती जगह पर कब्जा है। अब घनश्याम द्वारा हाई कोर्ट में किए केस के आदेशानुसार प्रशासन कब्जा छुड़वाने आया था। लेकिन गली पर लगते कब्जाधारी घरों के मालिकों ने पंचायती जगह खाली करने के लिए दो दिनों का समय मांगा है। जो उन्हें ड्यूटी मजिस्ट्रेट द्वारा दिया गया है। जिसके बाद प्रशासन अपनी बनतीकार्यवाही करेगा। – जसवंत घोड़ेला, सरपंच गिंदड़ा।
गांव गिंदड़ा में पचायती जमीन पर करीब 12 घरों का कब्जा है। जिसको छुड़वाने के लिए हाई कोर्ट के आदेश जारी हुए थे। शुक्रवार को जगह की पैमाइश करवा दी गई है और पंचायत व ग्रामीणों की प्रार्थना पर दो दिनों का समय पंचायती जगह खाली करने के लिए दिया गया है। अगर कब्जाधारी दो दिनों में पंचायती जगह पर बने मकान या रखे सामान को नहीं हटाते तो प्रशासन अपनी कार्यवाही करेगा। – अंकुर एसडीओ, पंचायती राज विभाग रानियां।