- भर्ती प्रक्रिया मुकम्मल, मेरिट लिस्ट भी तैयार
- ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग ने 594 पंचायत सचिव किए भर्ती
- वित्त विभाग के पास पड़ी है इजाजत के लिए फाइल, विभाग नहीं दे रहा मंजूरी
ChandiGarh, Ashwani Chawla: ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग ने अपने विभाग के लिए भर्ती किए जा रहे 800 पंचायत सचिवों की कार्रवाई को तेजी लाने के चक्कर में भर्ती के लिए वित्त विभाग से इजाजत लेना ही भूल गया। कई महीने की लंबी प्रक्रिया के बाद जब मेरिट लिस्ट अनुसार नियुक्ति पत्र देने की बारी आई तो विभाग ने इजाजत नहीं मिलने की बात सामने आई। हालांकि विभागीय अधिकारियों ने जल्द वित्त विभाग को यह फाइल भेजते हुए भर्ती के लिए इजाजत मांगी लेकिन वित्त विभाग ने तैश में फाइल को रोकते हुए इजाजत देने से इंकार कर दिया है। विभाग को सारी कार्रवाई मुकम्मल करने के बाद इजाजत मांगी जा रही है। इसी कारण मेरिट में आए पंचायत सचिवों को नियुक्ति पत्र देने का काम अधर में लटक गया है।
विभाग ने सारा काम खुद ही कर दिया
जानकारी के अनुसार ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग के मंत्री सिकन्दर सिंह मलूका ने अपने विभाग में 800 पंचायत सचिवों की भर्ती करवाने के लिए कैबिनेट से इजाजत ली थी। इजाजत के बाद पंचायत विभाग ने सारी कार्रवाई मुकम्मल करते हुए पंचायत सचिवों की भर्ती के लिए फाइल को सुबार्डीनैट सर्विस सिलैकस्ट बोर्ड के पास भेज दी, जहां एसएसएस बोर्ड ने भर्ती प्रक्रिया करते हुए पिछले सप्ताह ही 594 सफल उम्मीदवारों की मेरिट बनाकर विभाग के अधिकारियों को भेज दी, ताकि उनकी नियुक्ति पत्र देते हुए ड्यूटी ज्वाइनिंग करवा ली जाए।
गैर-कानूनी बताया
मेरिट लिस्ट आने के बाद भी नियुक्ति पत्र देने की कार्रवाई शुरू न होने के बाद यह खुलासा हुआ। विभागीय अधिकारियों ने इस भर्ती के लिए वित्त विभाग से इजाजत नहीं ली, जिस कारण नियुक्त पत्र जारी करने के बाद भी न केवल इन पंचायत सचिवों को वेतन मिलनी थी, बल्कि उनकी नियुक्ति भी गैर कानूनी बन सकती है।
अधिकारी ने उठाए सवाल
पंचायत विभाग के अधिकारियों ने अपनी भूल को सुधारने के लिए वित्त विभाग को इजाजत देने के लिए फाइल तो भेज दी, लेकिन अब वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने फाइल पर सवालिया निशान लगा दिया है कि बिना उनके विभाग की मंजूरी से भर्ती प्रक्रिया शुरू करते हुए मुकम्मल कैसे कर ली। इसी सवालिया निशान से वित्त विभाग ने फिलहाल भर्ती प्रक्रिया की फाइल को पास करने से इंकार कर दिया है।
ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग और वित्त विभाग का कोई भी अधिकारी ज्यादा जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन उन्होंने केवल इतना ही कहा है कि गलती चाहे किसी की भी हो जल्द ही फाइल पास करते हुए नियुक्ति पत्र देने की कार्यवाही की जाएगी।