इस्लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद (Hafiz Saeed) को दो अलग-अलग मामलों में 31 साल जेल की सजा सुनाई है। इसके अलावा, उस पर कुल 340,000 रुपये का जुमार्ना भी लगाया गया है। खबरों के मुताबिक, अदालत ने सईद की सभी संपत्तियों को जब्त किए जाने का भी आदेश दिया है, जिसमें उसकी बनाई गई एक मस्जिद और मदरसा भी शामिल है। सईद को एक मामले में साढ़े सोलह साल कैद की सजा सुनाई गई है, जबकि एक अन्य मामले में साढ़े पंद्रह साल जेल की सला सुनाई गई है। सईद को साल 2019 में गिरफ्तार किया जा चुका है। उसके खिलाफ अब तक सात मामले दर्ज हैं।
क्या है मामला
गवाहों के बयानों की नसीरुद्दीन नैयर और मोहम्मद इमरान फजल गुल, हाफिज मोहम्मद सईद (Hafiz Saeed) के वकील और अन्य ने जिरह की। इससे पहले दो मामलों में सईद को ग्यारह साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है। उसके खिलाफ अलग-अलग शहरों में कुल 41 मामले दर्ज हैं। पाकिस्तान पर यह साबित करने के लिए पूरी दुनिया से बहुत दबाव है कि वह अपने यहां आतंकवादी समूहों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर रहा है। इसके अलावा, पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स, टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मुद्दों के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के द्वारा ब्लैक-लिस्ट किए जाने का भी डर है।
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