नई दिल्ली (एजेंसी)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की बैठक में पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किए जाने पर पाकिस्तान तिलमिला उठा है। दरअसल अफगानिस्तान के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की बैठक बुलाई गई थी। पाकिस्तान ने इस बार पर अफसोस जताते हुए कहा कि उसे बैठक में आतंत्रित नहीं किया गया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ झूठ फैलाने के लिए किया गया, जबकि उसे अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया गया।
भारत ने कहा-आतंकी पनाहगाह खत्म करो
बैठक की अध्यक्षता कर रहे भारतीय राजदूत टीएस तिरूमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति के लिए जरूरी है कि आतंकी पनाहगाह खत्म की जाएं। इसके साथ ही आतंकियों को रसद पहुंचाने वाली रसद लाइनों को खत्म कर आतंकवाद के हर स्वरूप के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की जरूरत है। भारत ने आग्रह किया कि बैठक हालात की समीक्षा के बाद अफगानिस्तान में व्यापक शांति के लिए तत्काल संघर्ष विराम के उपायों पर कदम उठाए।
अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर लगाया आरोप
बैठक में अफगानिस्तान के प्रतिनिधि ने कहा कि तालिबान ने बर्बर हमले तेज किए हैं, जिससे हालात बहुत गंभीर हो गए हैं। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि तालिबान के साथ विदेशी लड़ाके भी शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत गुलाम इस्काजई ने पाकिस्तान में तालिबानी लड़ाकों को मिल रहे मदद, वहां के अस्पतालों में हासिल हो रहे इलाज का हवाला देते हुए पाक सरकार से तालिबान की सप्लाई लाइन खत्म करने की अपील की।
चीन ने भी किया हिंसा का विरोध
सुरक्षा परिषद की बैठक में चीन के प्रतिनिधि ने कहा कि ताकत के दम पर अफगानिस्तान में कोई सरकार नहीं बनाई जानी चाहिए। भारत के साथ ही सुर मिलाते हुए चीन ने भी अफगानिस्तान में हिंसा का विरोध किया। हालांकि, चीन ने मौजूदा हालात की तोहमत अमेरिका पर डाली।
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