इस्लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्तान की सरकार ने चरमपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) पर लागू प्रतिबंध को हटा दिया है। पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में समूह के प्रमुख साद रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर दोनों पक्षों में हुए एक करार के कुछ दिनों बाद यह कदम उठाया है। डॉन न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में एक अधिसूचना राष्ट्रीय सुरक्षा पर संसदीय समिति की नेशनल असेंबली में होने वाली बैठक से एक दिन पहले रविवार को गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई थी। विपक्षी सदस्यों के द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने की संभावना है। गृह मंत्रालय के मुताबिक पंजाब सरकार के अनुरोध पर अधिसूचना जारी की गई है और प्रधानमंत्री इमरान खान ने टीएलपी पर से प्रतिबंध हटाने के फैसले को मंजूरी दे दी है।
अधिसूचना में कहा गया, ‘‘आतंकवाद विरोधी अधिनियम, 1997 (संशोधित) की धारा 11यू की उप-धारा (आई) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरकार ने उक्त अधिनियम के प्रयोजन के लिए प्रतिबंधित संगठन के रूप में उक्त अधिनियम की पहली अनुसूची से तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान का नाम हटाया है।’’ अधिसूचना में कहा गया है कि पंजाब के गृह विभाग की सिफारिश पर 15 अप्रैल को सरकार द्वारा प्रतिबंधित संगठन के रूप में टीएलपी को पहली अनुसूची में रखा गया था।
गौरतलब है कि अक्टूबर में पंजाब के गुजरांवाला जिले में साधोक के पास हजारों टीएलपी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में कम से कम चार पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और 250 से अधिक घायल हो गए थे। इस दौरान टीएलपी ने भी अपने कई सदस्यों के मारे जाने का दावा किया था। हाल के समय में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला उस वक्त तेज हुआ, जब टीएलपी ने अपने दिवंगत संस्थापक खादिम रिजवी के बेटे हाफिज साद हुसैन रिजवी की रिहाई के लिए पंजाब सरकार पर दबाव डाला। साद रिजवी को पंजाब सरकार ने 12 अप्रैल से सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए हिरासत में रखा था।
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