पैसो की कमी होने के कारण लोगों को कई मुश्किलों के साथ होना पड़ रहा दो चार | Paddy Production
बठिंडा/नथाना(गुरजीवन सिद्धू)। मौसम की खराबी के कारण इस बार धान के कम हुए (Paddy Production) उत्पादन ने समाज के अलग -अलग वर्गों को प्रभावित किया है और पैसो की कमी होने के कारण लोगों को कई किस्म की मुश्किलों के साथ दो चार होना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार मंडियों में धान की आमद में पंद्रह से बीस प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है। चाहे धान के कम उत्पादन का सीधा नुक्सान किसान वर्ग को हुआ है परंतु इस धंधे से जुड़े ओर कारोबारी लोग भी प्रभावित हुए हैं। इस तरह की स्थिति बनने से आढ़ती वर्ग बेहद परेशान नजर आ रहा है क्योंकि किसान अपनी, रोजमर्रा की जरूरतों के लिए आढ़तियों पर ही निर्भर होते हैं।
आढ़तियों का कहना है कि उत्पादन कम होने से उनको खरीद एजेंसियों से मिलने वाली आढ़त में बड़ी कमी आई है, जिस कारण उनको अपना कारोबार चलता रखने के लिए भारी मुश्किल आ रही है। पंजाब मंडी बोर्ड के सूत्रों अनुसार झाड़ घटने का बड़ा प्रभाव प्राप्त होने वाली मार्केट फीस पर भी पड़ा है। सूत्रों अनुसार चाहे इस बार मार्केट फीस दर दो प्रतिशत से बढ़कर तीन प्रतिशत हो गई है परंतु फिर भी मार्केट फीस की वसूली पिछले साल की अपेक्षा कम हुई है।
सैलर उद्योग भी इस मंदी से हो रहे हैं प्रभावित | Paddy Production
पिछले कई सालों से सैलर कारोबार के साथ जुड़े आ रहे अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि धान का उत्पादन कम होने से इस बार उनको मिलिंग के लिए पिछले साल के मुकाबले कम धान की फसल मिली है जबकि उनके औद्योगिक खर्चों में पिछले साल के मुकाबले विस्तार हुआ है। इस तरह सैलर उद्योग भी इस मंदी से प्रभावित हो रहे हैं।
जिला मुख्य कृषि अधिकारी गुरादित्ता सिंह सिद्धू ने बताया कि जिले में एक लाख चालीस हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की काश्त की हुई थी, जिसके उत्पादन में आई कमी को दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसा धान के पकने समय मौसम में आए बदलाव के कारण हुआ है।
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