कैथल (सच कहूँ/कुलदीप नैन)। Kaithal News: पहले जून गया और अब जुलाई, लगातार दो महीने सूखे जाने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे खींचना लाजमी बात है। मानसून की बेरुखी के चलते धान के खेतों में पड़ी दरारें देखकर किसानों का मन दुखी होता जा रहा है। बारिश न होने से हर कोई परेशान नजर आ रहा है। सावन के महीने में बारिश का इंतजार रहता है, लेकिन इस बार जिलावासियों को सावन के महीने में भी निराशा ही हाथ लग रही है। वही लोगों को उमस भरी गर्मी का भारी अहसास झेलना पड़ रहा है। सारा दिन आमजन का पसीने से तर-बतर रह कर बीत रहा है। Kaithal News
मानसून की अच्छी बारिश के लिए जिला तरस रहा है। मौसम विभाग के पूवार्नुमान भी फेल होते नजर आ रहे हैं, क्योंकि पिछले कई दिनों से लगातार मौसम विभाग बारिश का अनुमान बता रहा है लेकिन इंद्र देव मौसम वैज्ञानिकों को लगातार फेल करते जा रहे है। रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि न्यूनतम तापमान 29.2 डिग्री सेल्सियस रहने से रात में भी गर्मी सताने लगी है।
धान के खेतो में पड़ गई दरारें | Kaithal News
जिले के अमूमन एरिया में धान की रोपाई की जा चुकी है। गर्मी ज्यादा होने के कारण धरती ज्यादा पानी की खपत कर रही है। ऐसे में खेतों में पानी नहीं थम रहा है। किसान लगातार बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि धान की फसल में ज्यादा पानी की जरुरत होती है। बारिश न होने के कारण धान की फसलों में पानी की कमी हो गई है। कई गांव तो ऐसे हैं जहां धान लगे खेतों में दरारें बन गई हैं। यदि बारिश नहीं होती है तो किसानों की चिंता बढ़ सकती है। इससे फसल पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है
ट्यूबवेल दे रहे जवाब
जलस्तर नीचे जाने के कारण ट्यूबवैल भी जवाब दे रहे हैं। ट्यूबवैलों से धान की फसल में पानी भी पूरा नहीं ही पा रहा है। किसानो को बार बार ट्यूबवेल रोकने पड़ रहे है। किसानों ने बताया कि धान की बुआई बारिश में ही अच्छी होती हैं। ऐसे में किसान बारिश के इंतजार में बैठे हैं। यदि अगले कुछ दिन भी बारिश नहीं हुई तो किसानों को काफी आर्थिक नुक्सान होगा। फसल भी सूखना शुरु हो गई है। बढ़ती उमस ने फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरु कर दिया है।
उमस से जीना हुआ बेहाल | Kaithal News
उमस वाली गर्मी के कारण शरीर की चिपचिपाहट आमजन के लिए परेशानी पैदा कर रही है। कूलर-एसी के सहारे आमजन उमस भरी भीषण गर्मी से लडाई लड़ रहे हैं। कूलर एसी से दूर होते ही गर्मी बेहाल कर देती है। थोड़ी-थोड़ी देर के लिए आने वाले बादल लगातार लोगो को छका रहे हैं। रोजाना बारिश का मौसम बनता देख लोगो को एक बार तो उम्मीद होती है कि गर्मी से राहत मिलेगी लेकिन कुछ देर बाद उनकी उम्मीद फिर टूट जाती है।
धान का फुटाव रुका
बारिश न होने के चलते धान में पानी नहीं रुक पा रहा है। मानसून सक्रिय होने पर ही धान में फुटाव होता है लेकिन अब धान का फुटाव रुक गया है। ट्यूबवेल का पानी फसल में खड़ा नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण फसल में खरपतवार भी बढ़ गया है। पिछले कई सालो में इस बार जून जुलाई में सबसे कम बारिश हुई है। Kaithal News
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