रादौर (सच कहूँ न्यूज)। धान की रोपाई (Paddy Crop)15 जून से पहले करने पर सरकार व प्रशासन की ओर से रोक लगाई गई। ऐसा करने वाले किसानों पर कार्रवाई करने के आदेश भी है। लेकिन प्रशासनिक आदेशों को ठेंगा दिखाकर क्षेत्र में किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है। बरसात के बाद बदले मौसम व खेतों में हुई नमी के कारण भी रोपाई में तेजी आनी शुरू हुई है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही क्षेत्र का दौरा कर ऐसे किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएंगी। लगातार गिरते भू-जल स्तर को रोकने के लिए सरकार की ओर से किसानों से लगातार परंपरागत खेती को छोड़कर अन्य फसलें लगाने की अपील की जा रही है।
जिसके लिए कई प्रकार की योजनाएं भी चलाई गई है। ताकि किसान ऐसी फसलों की ओर आकर्षित हो जिसमें पानी की खपत कम से कम हो। रादौर क्षेत्र डार्क जोन में है। ऐसे में यहां समस्या अधिक बढ़ जाती है। लेकिन इसके बावजूद किसान धान की रोपाई करने में जल्दबाजी दिखा रहे है। सरकार व प्रशासन के आदेशों को दरकिनार कर किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है तो कुछ किसानों ने खेत तैयार कर तैयारियां शुरू कर दी है। जिससे पहले से ही डार्क जोन में चल रहे रादौर क्षेत्र में गिरते भूजल स्तर की समस्या और अधिक गंभीर हो सकती है।
खंड कृषि अधिकारी डॉ. राकेश अग्रवाल ने बताया कि सूचना मिलने पर कुछ किसानों की पनीरी नष्ट करवाई गई थी। एक बार फिर विभाग की टीम क्षेत्र का दौरा करेगी और जो किसान नियमों के विपरीत धान की रोपाई कर रहे है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
किसान दे रहे यह तर्क
धान की रोपाई जल्द करने के पीछे किसानों की अपनी समस्या है। किसान समय से पहले धान की रोपाई करने के पीछे तर्क दे रहे है कि इस बार गर्मी अधिक है। ऐसे में धान की फसल में पानी की जरूरत अधिक होगी। अगर किसान एकसाथ अपनी पूरी भूमि पर धान की फसल लगा देगें तो पानी की पूर्ति करना मुश्किल हो जाएगा।
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