
खिजराबाद (सच कहूँ/राजेन्द्र कुमार)। Yamunanagar News: हथिनीकुंड बैराज पर चल रहे डायाफ्राम से निकाले जा रहे खनिज से भरी ओवरलोड गाड़ियां बैराज के ऊपर से गुजर रही है। सैकड़ों की संख्या में हर रोज गाड़ियां इस बैराज को क्रास कर रही है। जिसको न तो सिंचाई विभाग न ही आरटीए रोकने का काम कर रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि वैसे यहां से ओवरलोड गुजरने नहीं दिया मगर यहां पर बैराज का काम चल रहा है इसलिए इसको जानबूझकर नहीं रोका जा रहा तो क्या सरकारी ओवरलोड ओर निजी ओवरलोड में अंतर है क्या बैराज को यह ओवरलोड नुकसान नहीं कर रहा है। हथिनीकुंड बैराज के नीचे डायाफ्राम वाल के काम से भारी संख्या में खनिज निकाला जा रहा है, जिसको बैराज के ऊपर से ही गाड़ियों में ओवरलोड कर यूपी की ओर भेजा जा रहा है। Khizrabad News
पहला सवाल तो यह है कि आखिर सिंचाई विभाग इस तरह बैराज के नीचे खनिज को बाहर भेज सकता है जबकि यह पूरा एरिया इको सेंसटिव जोन का हिस्सा है, क्या इसकी अनुमति वाइल्ड लाइफ विभाग से ली गई है। दूसरा बडा सवाल है कि जिस बैराज को मजबूत करने का काम किया जा रहा है उसके ऊपर से ही यह खनिज गाड़ियों में ओवरलोड लाद कर यूपी की ओर भेजा जा रहा है। ऐसे में क्या बैराज को नुकसान नहीं होगा। जबकि यहां से खनिज या अन्य ओवरलोड गाड़ियों के चलने पर पूरी तरह से रोक है। पिछले कई दिन से लगातार ओवरलोड वाहन यहां से दिन भर निकल रहे है। जिस पर न तो सिंचाई विभाग ने ही आरटीए किसी प्रकार रोक रहा है। अगर सरकारी ठेकेदार के ओवरलोड वाहन यहां से गुजर सकते है तो आखिर आम आदमी को क्यों अपने वाहनों को ले जाने से रोका जा सकता है। Yamunanagar News
जानकारों का मानना है कि यहां से इस प्रकार खनिज उठा कर बाहर भेजने की अनुमति देना ही गलत है, खुदाई के दौरान जितना खनिज यहां से निकाला जाता उसका स्टाक एक खाली जगह पर किया जाना था, जिसके बाद उसकी नीलामी खनन विभाग करता, मगर ऐसा नहीं किया जा रहा है। यह पूरा एरिया इको सेंसटिव जोन है ऐसे में आखिर इको सेंसटिव जोन का मतलब क्या रह जाता है।
हथिनीकुंड के सरपंच अकरम ने बताया कि वह भी देख रहे हैं कि यहां से कई दिन से यह ओवरलोड चल रहा है, जबकि वैसे यहां से ओवरलोड वाहनों को गुजरने नहीं दिया जाता। इससे बैराज को क्या नुकसान नहीं हो सकता है। वह इसकी जानकारी अधिकारियों को देंगे। Yamunanagar News
वहीं इस बारे में स्टेट एनफोर्समेंट ब्यूरो के इंसपेक्टर श्याम सुंदर से बात की गई तो उनका कहना था कि वह खुद जाकर चेक करेंगे ओर कमी पाए जाने पर कार्रवाई करेंगे।
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