हादसों का कारण बन सकते हैं ओवरलोड ट्राले

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नियमों का उल्लंधन करने वालों के विरुद्ध प्रशासन को दिखानी चाहिए सख्ती

फिरोजपुर(सतपाल थिंद)। नियमों की धज्जियां उड़ा कर चलाए जाते रेत के खड्ढों के बाद अब नियमों की धज्जियां उड़ा कर रेत की हो रही ढुलाई की हर तरफ चर्चा हो रही है। रेत के साथ भरी ओवरलोड ट्रालियों के साथ कई सड़क हादसे घट रहे हैं और ओवरलोड ट्रालियों में से उड़ती रेत पीछे आ रहे दो पहिया वाहन चालकों के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा करती है।

ड्राईवर की ओर से ब्रेक के सहारे की जाती है ट्रैक्टर-ट्राली की कटाई

ज्यादा पैसे कमाने के लालच में एक ही ट्राले में 500 क्विंटल से अधिक रेत की की जा रही ढुलाई सड़क हादसों को निमंत्रण दे रही है क्योंकि रेत के साथ ट्राले ज्यादा भरे होने के कारण ट्रैक्टरों के अगले टायर आगे से उठ जाते हैं जबकि अगले टायरों से ट्रैक्टरों की कटाई होती है पर अगले टायर उठ जाने के कारण चालकों को ब्रेक के सहारे ट्रैक्टर की कटाई करनी पड़ती है

जो किसी भी समय किसी भी साईड अधिक मुड़ जाने के कारण बड़े सड़क हादसे का कारण बन सकता है। शाम के समय फिरोजपुर शहर में से गुजरते रेत के ओवर-लोड ट्रैक्टर-ट्रालियों के कारण किसी भी समय हादसा घटित हो सकता है

क्योंकि शाम के समय शहर में यातायात बढ़ जाता है और इसी समय ही रेत के साथ भरे ओवरलोड ट्रैक्टर -ट्राले शहर में से गुजरते हैं जो अगले टायरों के उठे होने के कारण कंट्रोल से बाहर होते हैं। शहर निवासियों सुरिन्दर सिंह, अशोक वर्मा, हरजिन्दर सिंह आदि ने पुलिस प्रशासन से ऐसी ओवरलोड ट्रालियों पर लगाम लगाने की मांग की है।

अधिक भार होने के कारण उठ जाते हैं ट्रैक्टर के अगले टायर

गौरतलब है कि जिलेभर में 35 के करीब रेत के खड्ढे मंनजूरशुदा हैं परंतु ज्यादातर खड्ढ़े माइनिंग विभाग की शर्तों पर पूरे नहीं उतर रहे। इन रेत के खड्ढ़ों में से ट्रालियों में 500 से 700 क्विंटल ओवरलोड रेत भर कर रेत के खड्ढ़ों में से जेसी बी मशीनों के द्वारा बाहर निकाला जाता है।

राजनैतिक नेताओं की शह प्राप्त रेत के खड्ढ़े चलाते ठेकेदारों के अलावा राजनैतिक लोगों के दबाव के कारण पुलिस भी बहुत कम इनको हाथ डालती है क्योंकि जब भी कोई कर्मचारी इन ट्रालियों को रोकता है तो उनके कान के साथ फोन लगा दिया जाता है, जिस कारण फिरोजपुर से लेकर फाजिल्का-अबोहर तक इन ओवरलोड ट्रालियों का सड़कों पर तमाशा सरेआम देखा जा रहा है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है ताकि इस नकेल कसी जा सके।

पुलिस प्रशासन भी दिखता है मजबूर

सड़क पर जाते ओवरलोड रेत के ट्रालों से अवगत पुलिस कर्मचारी भी चाहते हुए भी रोकने में नाकाम हैं क्योंकि ज्यादातर उन लोगों ने ही रेत की ढुलाई के लिए ट्राले लगाए हैं जिनके सिर पर किसी राजनैतिक नेता का हाथ हो। इन राजनैतिक नेताओं की शह पर ओवरलोड ट्राले सड़कों पर मौत का साया बन कर दौड़ रहे हैं।

माइनिंग इंस्पेक्टर के पास नहीं काटे गए चालानों का रिकार्ड

जब इस बारे में माईनिंग इंस्पेक्टर संजीव सेतिया के साथ बातचीत की तो उन्होंने दावा किया कि उनकी ओर से ओवरलोड ट्रालियों के चालान काटे गए हैं जब उनसे गिनती के बारे में पूछा गया तो उन्होंने आधे घंटे में जानकारी देने के लिए कहा परंतु शाम के 4से 7बजे तक लगातार पांच बार फोन पर बात होने दौरान वह काटे गए चालानों की जानकारी न दे सके।

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