- वंचित गांवों को सिंचाई सुविधा से जोड़ने का मामला
- किसानों का ‘दर्द’ जानने के लिए नहीं प्रशासन के पास समय
- 36 घण्टे बाद भी कलक्टर व संभागीय आयुक्त नहीं पहुंचे सुध लेने
HanumanGarh, SachKahoon News: नोहर, भादरा व तारानगर क्षेत्र के दर्जनों गांवों को सिंचाई सुविधा से जोड़ने की मांग को लेकर नोहर के गोरखाना में पिछले तीन दिनों से जारी आंदोलन अब विशाल रूप धारण करता नजर आ रहा है। इन तीन दिनों में किसान के प्रति सरकार व प्रशासन की संवेदनहीनता ने जता दिया है कि अन्नदाता की उसे कितनी चिंता है। पिछले तीन दिनों से 12 जने गांव गोरखाना में धरती से करीब ढाई सौ फीट ऊंची जलदाय विभाग की पेयजल टंकी पर बैठे हैं लेकिन न तो सरकार का कोई नुमाइन्दा उनकी समस्या सुनने मौके पर पहुंच रहा है और न ही प्रशासनिक अधिकारी। इससे बड़ी हठधर्मिता की बात क्या होगी कि सोमवार को पहले दिन आंदोलनकारियों ने जब जिला कलक्टर से मौके पर वार्ता करने की बात कही तो जिला कलक्टर ने गोरखाना जाना उचित नहीं समझा। दूसरी ओर मंगलवार को हनुमानगढ़ आए संभागीय आयुक्त सुआलाल भी जिला मुख्यालय पर रहे लेकिन उन्होंने भी आंदोलनकारियों की पीड़ा को सुनने की जहमत नहीं उठाई। किसानों की मांगों की अनदेखी से अब धीरे-धीरे आंदोलनकारियों के सब्र का बांध टूटता नजर आ रहा है। ऐसे में वे कोई बड़ा कदम उठा लें इससे पहले जरूरत है सरकार व प्रशासन को जागने की।
चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात
उधर, गांव गोरखाना पिछले तीन दिनों से छावनी के रूप में तब्दील हो चुका है। च΄पे-च΄पे पर पुलिस के जवान दिखाई दे रहे हैं। नोहर के अतिरिक्त जिला कलक्टर सुखवीर चौधरी, एएसपी नरेन्द्र मीणा, डीएसपी भूपेन्द्र जाखड़, उपखण्ड अधिकारी डॉ. हरितिमा सहित भारी संख्या में पुलिस जाब्ता मौके पर तैनात है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने भारी बन्दोवस्त किए हैं। बुधवार को भी प्रशासनिक अधिकारियों से आंदोलनकारियों की कई दौर की वार्ता हुई जो बेनतीजा रही। आंदोलनकारी संभागीय आयुक्त व सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता को मौके पर बुलाकर ठोस आश्वासन देने की मांग पर अड़े हुए हैं।
किसानों की पीड़ा बिसरा सीएम दौरे की चिंता
जिला प्रशासन किसानों की पीड़ा को भूलकर आगामी 15 दिसम्बर को हनुमानगढ़ दौरे पर आ रही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के आगमन की तैयारियों में जुटा है। इसके चलते कलक्टर के पास किसानों से मिलने के लिए समय नहीं है। कलक्टर द्वारा किसानों को जिला मुख्यालय पर आकर वार्ता का बुलावा भेजा गया है लेकिन किसान भी मौके पर वार्ता करने की बात पर अड़े हुए हैं। कलक्टर या संभागीय आयुक्त के अलावा वे किसी से भी वार्ता को तैयार नहीं।
क्या है घटनाक्रम
ज्ञातव्य हो कि लम्बे समय से सिंचाई से वंचित गांवों को सिंचाई सुविधा से जोड़ने की मांग को लेकर सोमवार को असिंचित क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष महन्त गोपालनाथ, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सोहन ढिल, जिला परिषद सदस्य मंगेज चौधरी, प्रताप महरिया, राकेश नेहरा, बलवान नेहरा, किसान कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री धर्मपाल गोदारा, सुरजीत बिजारणियां, सुभाष नेहरा, नरेश सिराव व प्रभु नेहरा गांव गोरखाना में जलदाय विभाग की टंकी पर चढ़ गए। किसान नेताओं ने सर्द भरी दो रातें टंकी पर ही गुजार दी। लेकिन फिर भी प्रशासन व सरकार का दिल नहीं पसीजा।
विशाल जनसभा का आयोजन
बुधवार को मौके पर विशाल सभा का आयोजन किया गया। सभा को पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल, पवन दुग्गल, माकपा नेता बलवान पूनियां सहित अन्य किसान नेताओं से संबोधित किया। वक्ताओं ने सरकार व प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार व प्रशासन की हठधर्मिता ने जता दिया है कि उसे किसानों की कितनी चिंता है। तीन दिन से आंदोलनकारी डटे हुए हैं। अब सरकार का असली रूप सबके सामने बेनकाब हो रहा है।
सिंचाई पानी से वंचित गांव
ज्ञातव्य हो कि नोहर क्षेत्र के गांव मालिया, डूमासर, कर्मसाना, भगवानसर, गोरखाना, चेनपुरा, लाखासर, सांगठिया, जबरासर, ललानिया, नगरासरी, खरसण्डी, रातूसर, श्योरानी, खोपडा, भंगूली के अलावा भादरा तहसील के 14 व तारानगर तहसील के तीन गांव सिंचाई सुविधा से वंचित हैं। किसान इन गांवों को सिंचाई से जोड़ने की मांग को लेकर लम्बे समय से आंदोलनरत हैं।