नरमें की फसल पर गुलाबी सुंडी का प्रकोप, किसान चिंतित

Cotton Crop
डिंग में नरमे की फसल में गुलाबी सुंडी के प्रकोप की आशंका को लेकर निरीक्षण करते कृषि अधिकारी व किसान।

40 हजार हेक्टेयर में फसल पर मंडराया खतरा | Cotton Crop

नाथूसरी चौपटा (सच कहूँ/भगत सिंह)। सरसा जिले के चौपटा क्षेत्र में नरमें की फसल (Cotton Crop) में गुलाबी सुंडी का प्रकोप शुरू हो गया है। अचानक से गुलाबी सुंडी के हमले से किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। क्षेत्र के डिंग मंडी, जोधंका, रूपावास, रायपुर, बकरियांवाली, गुडिया खेड़ा, गिगोरानी, रामपूरा ढ़िल्लों, कुम्हारिया, कागदाना, खेड़ी, जसानिया, हंजीरा, नाथूसरी, शाहपूरिया, चाहरवाला, शक्करमन्दोरी, रामपूरा नवाबाद सहित कई गांवों में इस बार करीब 39000 हेक्टेयर में नरमें व 800 हेक्टेयर में कपास की फसल की बिजाई की गई है। गुलाबी सुंडी के प्रकोप को रोकने के लिए किसानों को अभी से ही कपास की फसल में कीटनाशक दवाई का प्रयोग करना पड़ेगा। उधर कृषि अधिकारियों ने भी खेतों में जाकर निरीक्षण शुरू कर दिया है।

डिंग मंडी के किसान ज्ञान धारी पचार, विकाश, रामस्वरूप, भरत सिंह, धर्मपाल ने बताया सुंडी के प्रकोप से फसल खराब होने लगी है। किसान प्रमोद बिरड़ा, देवीलाल मंडा ने बताया कि नरमें कपास की फसल में शुरूआती दौर में गुलाबी सुंडी का हमला शुरू हो गया है। अभी पकाने में काफी समय है। ऐसे में फसल को बचाना काफी मुश्किल हो गया है।

किसान यह बरतें सावधानियां | Cotton Crop

कीटनाशक का छिड़काव दोपहर 12 बजे से पहले या फिर शाम के समय ही करना चाहिए। एक ही कीटनाशक का छिड़काव बार-बार नहीं करना चाहिए। कीटनाशक के छिड़काव के बाद 24 घण्टों के भीतर अगर वर्षा आ जाती है तो, कीटनाशक का छिड़काव दोबारा करें।

कीटनाशक का छिड़काव करते समय सावधानी रखें जैसे छिड़काव करते समय शरीर, चेहरे और आँखों का ढकना, हवा के विपरीत छिड़काव नहीं करना इत्यादि। कपास की बिजाई के 90-120 दिन के बीच में अण्डा परजीवी ट्राईकोग्रामा बेक्टीरिया के 60000 अण्डे प्रति एकड़ के हिसाब से छोडेÞं।

सुंडी की रोकथाम | Cotton Crop

कपास की फसल में गुलाबी सुंडी (Gulabi Sundi) की निगरानी फूलों व टिंडो पर करें। फलिय भागों पर 10 प्रतिशत से अधिक प्रकोप इसका आर्थिक कगार है। खेत के विभिन्न हिसों से 60 फूलों की जांच करने पर अगर इन में से रॉजेटेड फूल तथा सुंडी के द्वारा नुकसान किये गए 6 फूल मिलते हैं तो गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए स्प्रे करें। खेत में अलग-अलग पौधों से 20 हरे टिंडे तोड़ कर उसमें घुसी गुलाबी सुंडी को गिनो अगर इनमें दो या दो से ज्यादा सुंडियां मिलती हैं तो गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए स्प्रे करें।

इस बार चौपटा खंड में देसी कपास लगभग 700 हेक्टयर, बीटी कॉटन 39000 हेक्टयर, ग्वार लगभग 15000 हेक्टयर, मूंग 250 हेक्टयर, मूंगफली 1200 हेक्टयर, अरंड की 400 हेक्टयर में बिजाई की गई है। कई खेतों में निरीक्षण भी किया है। नरमे की फसल में कई स्थानों पर सुंडी का प्रभाव देखा गया है, सुंडी की पहचान व रोकथाम के लिए किसानों को कई प्रकार की सावधानियां रखनी चाहिए।
                                                                                    – शलेन्द्र सहारण, कृषि विकास अधिकारी।

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