नई दिल्ली (एजेंसी)। एनसीआर पर दूसरा ड्राफ्ट में 40 लाख लोगों के नाम नहीं आने पर सियासत तेज हो गई है। कल राज्यसभा में एनसीआर मुद्दे पर हंगामे होने के कारण ठप रही। उधर इस मुद्दे पर सरकार का रूख सख्त अपनाया है और कहा है कि वह सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही देश में रहने का अधिकार है। कोई अवैध रूप से यहां नहीं रह सकता है। वहीं देश में चल रही राजनीति के बीच पहली बार बांग्लादेश की ओर से कोई बयान आया है। बांग्लादेश के सूचना प्रसारण मंत्री हसन उल हक इनु का कहना है कि ये भारत का आंतरिक मामला है, इसमें हमारा कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि असम में कोई भी बांग्लादेशी घुसपैठिए नहीं हैं, जो लोग वहां रह रहे हैं वह काफी लंबे समय से रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये मामला भारत सरकार का है, वह ही इसे सुलझाएंगे। उन्होंने ये भी कहा कि अवैध रूप से रह रहे शरणार्थियों का विरोध करते हैं, जो रोहिंग्या हमारे देश में भी अवैध रूप से रह रहे हैं वह उन्हें वापस भेजेंगे।
सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा मामला
असम में नागरिक रजिस्टर के मामले में सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ कर दिया कि ड्राफ्ट मसौदे के आधार पर किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बेहतर होगा, ‘आप ही निर्देश दें कि जिनका नाम सूची में दर्ज नहीं है उनके खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं होगी।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।