लुधियाना (सच कहूँ/रघबीर सिंह)। मणिपुर एकता दिवस मनाने के राष्ट्रव्यापी निमंत्रण पर भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीआई) जिला लुधियाना (Ludhiana) द्वारा पंजाब इसतरी सभा जिला लुधियाना, इंडियन डॉक्टर्स फॉर पीस एंड डेवलपमेंट, भारत जन ज्ञान विज्ञान जत्था और ऐसे अन्य सामाजिक संगठनों के साथ एक विशाल रैली का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य में हिंसा को नियंत्रित करने में केंद्र और मणिपुर राज्य सरकार की विफलता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। इस तथ्य के बावजूद कि स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। Ludhiana News
जब मणिपुर जैसा अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य जल रहा था, तब प्रधानमंत्री विदेशी दौरों में व्यस्त थे। यह बेहद निंदनीय है कि भारत के प्रधानमंत्री जो हमेशा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात करते हैं, उन्होंने इस तरह का व्यवहार किया है। वक्ताओं ने कहा कि मणिपुर में गुंडागर्दी और हिंसा के बाद डबल इंजन सरकार को बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। मणिपुर पर केंद्र सरकार की चुप्पी हिंसा को मौन समर्थन का प्रतीक है। राज्य व केंद्र सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। इस पूरी तरह से असंवेदनशील सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए एकजुट होने का समय आ गया है।
पंजाबी भवन से लघु सचिवालय तक इस विरोध मार्च में बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया। देश के राष्ट्रपति को ई-मेल के जरिए केंद्र सरकार और मणिपुर की राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग की गई। बोलने वालों में कॉमरेड डीपी मौड जिला सचिव, डॉ. अरुण मित्रा, एमएस भाटिया, चमकौर सिंह, विजय कुमार, केवल सिंह बनवैत, गुरमेल मेल्डे, विनोद कुमार, अवतार छिब्बर, डॉ. गुुरचरण कौर कोचर अध्यक्ष पंजाब महिला सभा लुधियाना, कुसुम लता महासचिव भारत जन ज्ञान विज्ञान जत्था, सुषमा उबराय, डॉ. बीएस औलख, मलकीत सिंह मालरा आदि शामिल थे।
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