प्राधिकरण के विपरीत आदेशों  का प्राथमिकता से निस्तारण कराएं :अतुल वत्स  

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नई दायर याचिकाओं के रखरखाव के साथ, उन्हें चैलेंज भी करें

गाजियाबाद (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। जीडीए वीसी अतुल वत्स ने शनिवार को  प्राधिकरण सभागार में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्राधिकरण के  विधि अनुभाग के कार्यों की समीक्षा की। समीक्ष बैठक में जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह , ओएसडी गूंजा  सिंह , ओएसडी कनिका कौशिक, वित्त नियंत्रक, सहायक प्रभारी विधि और  विधि अनुभाग का   स्टॉफ और रुद्रपताप शुक्ल आदि  मौजूद रहे। बैठक के दौरान जीडीए वीसी अतुल वत्स ने  संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। Ghaziabad News

उन्होंने समीक्षा में बैठक में मुख्य रूप से करीब छह बिंदुओं पर विधि विभाग से विस्तारपूर्वक  गंभीरता से समीक्षा की। जिनमे जनपद-न्यायालय स्तर पर लंबित सीलिंग वादों की समीक्षा, उच्च न्यायालय में लंबित वाद,उच्चतम न्यायालय में लंबित वादों की समीक्षा, उप्र भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) में लंबित वाद,प्राधिकरण स्तर पर वादों के कंप्यूटर फीडिंग कार्य और एससी,एसटी, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग आदि  एवं अन्य आयोग में लंबित वादों की समीक्षा कर, अधिकारियों को  आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। जीडी वीसी अतुल वत्स ने कहा कि  सभी न्यायालयों से सम्बन्धित विचाराधीन समस्त वादों की प्रभावी पैरवी अधिवक्ताओं के माध्यम से की जाए। Ghaziabad News

उन्होंने समीक्षा में  पाया  कि वादों की नियमित समीक्षा हेतु एक पोर्टल बनाया गया था।  परंतु उसका उपयोग न होने के कारण वह  संचालित नहीं हो सका है। उन्होंने तत्काल  इसमें डाटा फीड कर संचालित करने के निर्देश जारी किए । कहा कि  प्राधिकरण के अधिवक्ता से यह अपेक्षा की जाएगी कि यदि किसी मुक़दमे में प्राधिकरण के विपरीत आदेश हुआ है, तो अग्रिम कार्यवाही हेतु स्पष्ट विधिक परामर्श उपलब्ध कराया जाये । उन्होंने कहा कि  प्रभावी पैरवी एवं समीक्षा के अभाव में प्राधिकरण के वादों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है।

अतः यह आवश्यक है कि प्राधिकरण से सम्बन्धित महत्वपूर्ण वादों को ससमय पटल प्रभारियों से समन्वय स्थापित करते हुए, उच्चाधिकारियों को भी व्यक्तिगत रूप से सूचित करते हुए प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाए । उन्होंने निर्देश जारी करते हुए कहा कि भविष्य में सहायक प्रभारी विधि का यह दायित्व होगा कि वह अपने न्यायालय से संबंधित अधिवक्ता से एक सप्ताह पूर्व केस के तथ्यों पर चर्चा कर, अधिवक्ता को अवगत करा दें  और  नई  दायर याचिकाओं को रखरखाव के साथ,उन्हें चैलेंज  भी करें । इसके अलावा  सभी स्थानीय न्यायालयों में विचाराधीन समस्त  वादों का डेटा प्राधिकरण के पैरोकार व लिपिक द्वारा अद्यतन किए जाने हेतु सख्त निर्देश जारी किए । Ghaziabad News

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