Ayushman Yojana: इस जनहितैषी योजना के तहत फ्री हुआ लाखों रुपए का ऑपरेशन

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Ayushman Yojana: इस जनहितैषी योजना के तहत फ्री हुआ लाखों रुपए का ऑपरेशन

जिला अस्पताल श्रीगंगानगर ने की कॉक्लियर इम्प्लांट की पहली सफल सर्जरी

श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। राजस्थान सरकार की जनहितैषी मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना की पूरी जानकारी हो तो आम आदमी के लाखों रुपए की बचत हो सकती है। बचत ही नहीं योजना का लाभ स्थानीय स्तर पर मिलें तो जिला के लिए यह बड़ी उपलब्धि बन जाती है। योजना के तहत गुरुवार को जिला अस्पताल में एक बड़ा और सफल ऑपरेशन हुआ। जयपुर एसएमएस से आए वरिष्ठ चिकित्सक की निगरानी में एक तीन वर्षीय बच्चे कॉक्लियर इम्प्लांट किया गया। यह ऑपरेशन किसी निजी अस्पताल में करवाने पर करीब 15 लाख रुपए तक का खर्चा आता, जबकि योजना के तहत मरीज के परिजनों का कोई खर्चा नहीं लगा। Ayushman Yojana

जिला अस्पताल में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में पीएमओ डॉ. दीपक मोंगा ने बताया कि पुरानी आबादी निवासी एक परिवार का तीन वर्षीय बच्चा जन्म से ही सुनने और बोलने में असमर्थ था। परिजनों ने जागरूकता दिखाते हुए बच्चे को जिला अस्पताल के ईएनटी अनुभाग में दिखाया, जिसे चिकित्सकों ने गंभीरता से लेते हुए परिजनों को ऑपरेशन करवाने के लिए प्रेरित किया और दूसरी तरफ जिलास्तर से लेकर राज्यस्तर पर समन्वय बनाया। इसके बाद आवश्यक जांचे आदि की और गुरुवार को सफल ऑपरेशन किया गया।

अब जल्द ही अन्य औपचारिकताओं के बाद बच्चे की छुट्टी दे दी जाएगी और राज्य सरकार आगामी दो साल तक बच्चे को स्पीच थैरेपी भी निशुल्क मुहैया करवाएगी ताकि बच्चा अच्छे से सुन और बोल सके। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन बच्चे के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। अब वह दुनिया की आवाजों को सुन सकेगा और एक सामान्य जीवन जी सकेगा। मां योजना के तहत हुए करीब तीन माह के अथक प्रयासों और बेहतर समन्वय के चलते श्रीगंगानगर जिला अस्पताल में यह ऑपरेशन हो सका, जो जिले के लिहाज से बड़ी उपलब्धि है और अब दूसरे बच्चों को भी इसका फायदा मिलेगा।

ये रहे टीम में शामिल | Ayushman Yojana

सीओआईईसी विनोद बिश्नोई ने बताया कि टीम में एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर के प्रोफेसर डॉ. मोहनीश ग्रोवर, श्रीगंगानगर जिला अस्पताल ईएनटी अनुभाग की डॉ. रश्मि अग्रवाल, मेडिकल कॉलेज की रेजिडेंट डॉ. पूजा भिमाणी, एनेस्थीसिया विभाग से डॉ.राजेंद्र गर्ग, डॉ.अनिशा गुप्ता, नर्सिंग ऑपरेशन मनीष शर्मा, संतोष वर्मा एवं हेल्पर भूपेंद्र सिंह का विशेष योगदान रहा।

अभिभावकों के लिए जरूरी है जागरूकता

एसएमएस जयपुर के प्रोफेसर डॉ. मोहनीश ग्रोवर ने बताया कि इस प्रकार के ऑपरेशन के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है ताकि जरूरतमंद लोग समय पर इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन से बच्चा बिल्कुल सामान्य सुन सकता है। लेकिन जरूरी है कि बच्चे के जन्म पर ही सुनने की जांच हो ताकि प्रभावी तरीके से ऑपरेशन सफल हो सके। उन्होंने बताया कि राजस्थान में मां योजना के तहत करीब 1200 सफल ऑपरेशन हो चुके हैं और आज वे बच्चे हायर एजुकेशन ले रहे हैं।

योजना के तहत जिन बच्चों की आयु दो साल से कम है, उनके दोनों कानों के ऑपरेशन हो रहा है। चार साल तक के बच्चे का ऑपरेशन एक कान का हो सकता है। देश में हजार बच्चों में से करीब चार बच्चे इस समस्या से पीड़ित है। यह सौभाग्य है कि श्रीगंगानगर में यह ऑपरेशन हुआ है। श्रीगंगानगर ईएनटी अनुभाग की डॉ. रश्मि ने बताया इस जैसे जटिल ऑपरेशन के बारे में जागरूकता बहुत जरूरी है। कई लोग इस तरह के उपचार के बारे में नहीं जानते हैं, जिससे वे समय पर इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। परिजनों को चाहिए कि जन्म के समय पर ही बच्चों के कान की जांच अवश्य करवाएं। Ayushman Yojana

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