कोविड-19 संबंधी नियमों का किया जा रहा पूर्णत: पालन
(Operation of Eye Patients)
सिरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा से शुरू हुए ‘याद ए मुर्शिद’ परम पिता शाह सतनाम जी महाराज 29 वें फ्री आई कैम्प (विशाल नेत्र जांच शिविर) के दूसरे दिन रविवार को दोपहर बाद कोविड-19 संबंधी सभी नियमों का पूर्णत: पालन करते हुए शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल के ऑपरेशन थियटरों में ऑपरेशन शुरू हो गए। ऑपरेशन का शुभारंभ डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधकीय समिति व शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल के चिकित्सकों ने ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ का इलाही नारा बोलकर किया।
दूसरे दिन तक 3131 मरीजों की हुई जांच
कैंप में दूसरे दिन समाचार लिखे जाने तक 3131 से अधिक मरीजों के आँखों की जाँच हो चुकी थी, जिनमें 1418 पुरुष और 1713 महिलाएं शामिल हैं। वहीं 77 नेत्र रोगियों का ऑपरेशन के लिए चयन हो चुका था। जिनमें 15 की कोविड-19 की आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आने के पश्चात उन्हें ऑपरेशन के लिए शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल में दाखिल किया गया है।
राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत शाह सतनाम जी रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के तत्वाधान में शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल की अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित ऑपरेशन थियटरों में डॉ. मोनिका गर्ग व डॉ. दीपिका द्वारा ऑपरेशन किए जा रहे है। कोविड-19 के कारण ऑपरेशन थियटरों में पूरी सावधानी बरती जा रही है।
मरीजों की संभाल के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं
ऑपरेशन के पश्चात मरीजों के ठहरने, सोने तथा खाने-पीने के लिए अस्पताल के मेडिकल वार्ड में विशेष प्रबंध किए गए हैं। मरीजों की संभाल के लिए शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार भाई-बहन जुटे हुए है। जो मरीजों को समय पर भोजन करवाने, दूध चाय देने तथा शौच इत्यादि दैनिक कार्यो में मदद कर रहे है। ऑपरेशन के बाद मरीजों के रहने, सोने के लिए बेहतरीन प्रबंध किए गए हैं। मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के रहने व खाने-पीने का प्रबंध भी डेरा सच्चा सौदा की ओर से किया गया है।
मरीज सराह रहे चिकित्सा शिविर में दी जा रही सुविधाओं को
शिविर में सेवाएं ले रहे मरीज कैंप में मिल रही चिकित्सीय सुविधाओं व रहने, भोजन इत्यादि की सेवाओं से पूरी तरह संतुष्ट हैं तथा उनका कहना है कि जैसी सेवा उनकी कैंप में सेवादारों द्वारा की जाती है, वैसी तो उनके अपने भी नहीं करते। उन्हें समय पर दवाइयां, भोजन करवाने, चाय पानी इत्यादि के लिए सेवादार हर समय तत्पर रहते हैं। सर्दी के मौसम के अनुकूल गर्म कपड़े व बिस्तर का प्रबंध भी डेरा सच्चा सौदा द्वारा ही किया गया है।
पंजीकरण का तारीख वाइज ब्यौरा
तारीख पुरुष महिला
10 दिसंबर 140 146
11 दिसंबर 224 313
12 दिसंबर 302 352
13 दिसंबर 752 902
कुल 1418 1713
कैंप में यह चिकित्सक दे रहे हैं सेवाएं
12 से 15 दिसंबर तक चलने वाले ‘याद-ए-मुर्शिद’ परम पिता शाह सतनाम जी महाराज 29वें फ्री आई कैम्प (विशाल नेत्र जांच शिविर) में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. श्वेता चुघ, डॉ. गीतिका, डॉ. मोनिका गर्ग, डॉ. दीपिका, डॉ. कोनिका के अलावा डॉ. पुनित, डॉ. वेदिका, डॉ. इकबाल, डॉ. नरेन्द्र कांसल, डॉ. कुलभूषण, डॉ. मुनीष, डॉ. सागरवीर, डॉ. लोकेश, डॉ. महिन्द्र सिंह, डॉ. शिर्पा सिंह व डॉ. नेहा गुप्ता अपनी सेवाएं दे रही है।
कोरोना के मद्देनजर बरती जा रही पूर्ण सतर्कता : डॉ. पीआर नैन
डेरा सच्चा सौदा के सीनियर वाइस चेयरमैन डॉ. पीआर नैन इन्सां ने बताया कि ये 29वां कैंप है, जिसमें डेरा सच्चा सौदा अंधेरी जिंदगियों को रोशन कर रहा है। हर साल कैंप में पूरी सावधानियों के साथ मरीजों का उपचार व ऑपरेशन हुए हैं। लेकिन पिछले कैंपों की तुलना में इस बार कोविड 19 के चलते बड़ा बदलाव किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग और सीएमओ के निदेर्शानुसार कोविड संबंधी सभी नियमों का पूर्णत: पालन किया जा रहा है। वहीं चयनित मरीजों का स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड का आरटीपीसीआर टेस्ट किया जा रहा है। इस कार्य में सीएमओ डॉ. कृष्ण कुमार का पूर्ण सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि इस कैंप में जो भी ऑपरेशन होगा, वह कैटरेक्ट (सफेद मोतिया) का होगा और केवल उन्हीं मरीजों का ऑपरेशन होगा, जो कोविड नेगेटिव होगा।
इसके साथ ही इन मरीजों की सेवा के लिए इस बार उनके परिजनों को नहीं लगाया गया है बल्कि ऐसे सेवादारों की ड्यूटी लगाई गई है, जिनके पहले कोविड टेस्ट करवाए गए हैं और जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वहीं प्रत्येक ऑपरेशन के बाद ऑपरेशन थियेटर को सेनेटाइज किया जा रहा है।
मुझे दूसरी बार इस कैंप में सेवाएं देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यहां मरीजों को बेहतरीन सुविधाओं के साथ-साथ उनकी देखभाल में भी पूरी सतर्कता बरती जा रही है। अक्सर प्राइवेट अस्पतालों में सफेद मोतिया जैसी बीमारियों का उपचार बेहद महंगा होने के चलते गरीब लोग अक्सर इसका उपचार नहीं करवा पाते और मजूबरी में अंधेपन का शिकार हो जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए यह कैंप वरदान साबित हो रहा है। कोविड काल में ऑनलाइन पढ़ाई के चलते मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल उनकी आँखों पर बुरा असर डाल रहा है, इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि वे मोबाइल की ब्राइटनैस कम रखें और कमरे में रोशनी का उचित प्रबंध करें और सिर्फ पढ़ाई के वक्त ही बच्चों को मोबाइल दें।
डॉ. श्वेता, वेन्यू आई रिसर्च सेंटर, नई दिल्ली।
इस कैंप में मैं पिछले चार साल से आ रही हूँ। यहां मरीजों की उचित जांच के साथ-साथ उन्हें नेत्र रोग से बचाव के बारे में भी बताया जाता है। वहीं अक्सर कैंपों में देखी जाने वाली धक्का-मुक्की की समस्या यहां नहीं होती। सही तरीके से मरीजों को ट्रिट किया जा रहा है और पूरी सतर्कता के साथ उनका उपचार किया जा रहा है। अक्सर हम आँखों में आने वाली परेशानी को कमतर आंककर भूल कर बैठते हैं, जो हमारे जीवन के लिए गंभीर समस्या बन सकती है। इसलिए 40 साल की उम्र के बाद समय-समय पर आँखों की जांच करवाते रहना चाहिए।
डॉ. गीतिका, लायन्स आई हॉस्पिटल, गाजियाबाद।
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