सच कहूँ/अनिल कक्कड़, चंडीगढ़। प्रदेश की मनोहर सरकार ने ब्लैक फंगस के इंजैक्शन की आपूर्ति के लिए केंद्र से गुहार लगाई और जब केन्द्र ने हाथ खड़े कर दिए तो सरकार ने ग्लोबल टैंडर निकाला। इस पर ब्लैक फंगस के इंजैक्शन ‘एम्फोटेरिसिन’ की सप्लाई के लिए एक ही कंपनी ने हिस्सा लिया। अब सरकार ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए उसी कंपनी को 15 हजार इंजैक्शन का ऑर्डर कर दिया है, इस ग्लोबल टैंडर को अब रिटैंडर नहीं किया जाएगा। यह जानकारी खुद प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दी। विज ने कहा कि हालांकि नियमों के मुताबिक अगर एक ही कंपनी हिस्सा लेती है, तो रिटेंडर होता है, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए नियमों में ढील देते हुए हमने उस टेंडर को खोलने की इजाजत दे दी है।
कोरोना की तीसरी लहर के लिए सरकार तैयार
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर प्रदेश की तैयारियों पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। विज ने कहा कि किस आधार पर ये भविष्यवाणी की जा रही है कि वायरस बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगा, जबकि अभी तक स्पष्ट नहीं है। लेकिन इस प्रकार की भविष्यवाणी की जा रही है, इसलिए हमने इस पर विचार किया है और जितने भी बच्चों के डॉक्टर रखने की आवश्यकता है, उस पर हम सहमति बना रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के तहत हाईटेक होंगी स्वास्थ्य सेवाएं
विज ने कहा कि हमने स्वास्थ्य सेवाओं को आने वाले कल के लिए अपग्रेड करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस के मुताबिक सभी अस्पतालों को अपग्रेड किया जाएगा। इसके साथ ही सरकार प्रदेश में पहली बार अस्पतालों में कैटरिंग सर्विस भी शुरू करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि हर अस्पताल में कितने ऑक्सीजन बेड होने चाहिए, कितने प्रतिशत बेड आईसीयू होने चाहिए और कितने प्रतिशत वेंटिलेटर होने चाहिए, यह हमारी टेक्निकल कमेटी तय करेगी। इसके लिए हमने सारा ब्लूप्रिंट तैयार किया है। सभी अस्पतालों में पाइप्ड गैस लाइन होनी चाहिए। सारे अस्पताल पीएचसी लेवल तक डिजिटल लेवल से कनेक्ट करने के प्रयास हैं। हर एक्टिविटी डीजी हेल्थ, एसीएस हेल्थ, एसीएस मेडिकल एजुकेशन और मेरे डैशबोर्ड पर हो, ताकि हर तरह की एक्टिविटी को मॉनिटर किया जा सके।
अस्पतालों में शुरू होगी कैटरिंग सर्विस
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हमने कैटरिंग सर्विस भी सभी अस्पतालों में शुरू करने का फैसला किया है। इस बार हमने महसूस किया है कि जो मरीज अस्पतालों में एडमिट हुए, खासतौर पर जो बाहर से आए हुए थे, उनको इस चीज की बहुत दिक्कत आई है। इसलिए हमने ये सर्विस शुरू करने का फैसला किया है। विज ने बताया कि जो हमारे डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और नर्सें हैं, सभी के रेगुलर ट्रेनिंग दी जाएगी। विज ने कहा कि जो ट्रेनिंग नहीं लेगा उसको आगे के इंक्रीमेंट नहीं दिए जाएंगे, ऐसी व्यवस्था की जाएगी।
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