सरसा। (सच कहूँ न्यूज) ऑनलाइन गुरुकुल के दौरान पूज्य गुरु जी ने श्री जलालआणा साहिब के मक्खन इन्सां, नंबरदार राज सिंह, लीला सिंह इन्सां व सुखराज सिंह इन्सां का नाम लेते हुए फरमाया कि बेटा हम एक-एक को पहचानते हैं। वहीं पूज्य गुरु जी ने लीला सिंह को लीला सिंह घोड़ीवाले के नाम से भी पुकारा। जिसके बाद लीला सिंह ने पूज्य गुरु जी से बात करते हुए उनका धन्यवाद करते हुए कहा कि पूज्य गुरु जी आप अपने किए गए वायदे पर पूरे उतरे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने आप जी से 15 वर्ष पहले अगस्त महीने में सत्संग फरमाने की अर्ज की थी।
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लेकिन आप जी ने फरमाया कि नहीं भई नवंबर में करेंगे। इसलिए आप जी अपने वादे पर पूरे उतरे। कार्यक्रम में नवनिर्वाचित पंच-सरपंचों ने खड़े होकर नारा लगाया तो पिताजी ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए फरमाया कि बेटा नशे के खिलाफ एकजुट होते हुए इसे गांव-गांव से भगा दो।
साध-संगत बोली: 15 साल बाद लगी गुरु नगरी में रौनक
कार्यक्रम में पहुंची बड़ी तादाद में साध-संगत खुद को गुरुनगरी गांव श्री जलालआणा साहिब मेंं पहुंचने पर सौभाग्यशाली मान रही थी। साध-संगत ने गुरु नगरी को झुककर सजदा करते हुए कहा कि 15 वर्ष बाद गुरु नगरी में रौनक लगी है। साध-संगत ने इसके लिए पूज्य गुरु जी का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने पाक पवित्र धरती को अपने पावन वचनों से और महका दिया।
गुरु जी, टैम कड्ड के घर आओ…
कार्यक्रम में श्री जलालआणा साहिब के शाही परिवार से पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के साहिबजादे भाई सचखंडवासी रणजीत सिंह जी की धर्मपत्नी आदरणीय नछत्र कौर जी भी विशेष तौर पर पहुंचीं। पूज्य गुरु जी ने नछत्र कौर जी को पहचानते हुए फरमाया, की हाल है नछत्र कौरे बेटा। पूज्य गुरु जी ने सचखंडवासी रणजीत सिंह जी के बेटे जसविंद्र व भूपेंद्र के बारे भी पूछते हुए फरमाया कि बेटा सब ठीक हैं। जिस पर नछत्र कौर जी ने कहा कि पिता जी सब ठीक है, तुसीं टैम कड्ड के घर आओ जी। इस बात पर आप जी ने हामी भरते हुए कहा कि बेटा जरूर आएंगे। पूज्य पिता जी ने पावन वचन किए कि ये धरती हमारे मुर्शिद की धरती है। हम इसे सजदा करते हैं।
वहीं श्री जलालआणा साहिब के नंबरदार राज सिंह ने भी आप जी से बातचीत की। इससे पूर्व?पूज्य गुरु जी ने राज सिंह का नाम लेते हुए फरमाया कि भाईयों की तरफ राज भी खड़ा है, बोलो बेटा। जिस पर राज सिंह ने पिता जी से कहा कि पिता जी पिंड च नशा बहोत वद रैया है तुसीं इक वारी गेड़ा मारो। इस बात पर आप जी ने फरमाया कि बेटा राम जी ने चाहा तो जरूर आएंगे।
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