गेहूं बिजाई का सीजन जोरों पर लेकिन भारी तादाद में पहुंची साध-संगत
- पूज्य गुरू जी ने साध-संगत के भारी इकट्ठ को देखकर जताई खुशी
सलाबतपुरा (सच कहूँ न्यूज)। डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार माह की खुशी में पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा आॅनलाईन गुरूकुल के माध्यम से शाह सतनाम जी रूहानी धाम डेरा राजगढ़ सलाबतपुरा में फरमाए गए पावन भंडारे रूपी रूहानी सत्संग में भारी तादाद में साध-संगत पहुंची, लेकिन इन्हीं दिनों पंजाब में गेहूं ही बिजाई का काम भी जोरों पर चल रहा है, बावजूद इसके साध-संगत रूहानी सत्संग में भारी तादाद में पहुंची। सत्संग का समय सुबह 11 बजे का था लेकिन साध-संगत दिन चढ़ते ही पहुंचना शुरू हो गई थी। सलाबतपुरा पहुंची साध-संगत में बड़ी संख्या में पहुंचे नये जीवों ने, जिन्होंने पूज्य गुरू जी गुरूमंत्र लेकर सामाजिक बुराईयां, नशा आदि छोड़कर बुराईयों से तौबा की। आॅनलाईन गुरूकल के माध्यम से पूज्य गुरू जी ने विभिन्न राज्यों में बैठी साध संगत को अपने पावन दर्शनों से निहाल किया। इसी दौरान जब सलाबतपुरा की बारी आई तो पंडाल में मौजूद साध-संगत ने हाथों में रंग-बिरंगे गुब्बारे लेकर अपनी खुशी का इजहार किया।
वीडियो कैमरा मैनोें ने हजारों की संख्या में पहुंची साध-संगत को जब अपने कैमरों द्वारा पूज्य गुरू जी से आॅनलाईन रू-ब-रू करवाया तो पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि ‘आज तो बहुत भारी तादाद में साध-संगत पहुंची हुई है, शैड भी फुल है’ जिम्मेवार सेवादारों ने पूज्य गुरू जी को बताया कि साध-संगत 6 एकड़ में बैठी है तो पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि 6 एकड़ बहुत हो जाता है, लगभग लाख से अधिक साध-संगत हो जाती है। पूज्य गुरू जी ने साध-संगत द्वारा हाथों में लिए गुब्बारों का भी विशेष जिक्र किया कि कहीं सफेद, कहीं गुलाबी, इससे पहले पूज्य गुरू जी ने साध-संगत को परमात्मा के नाम की शक्ति के बारे में बताया कि किस तरह अल्लाह, राम, वाहेगुरू, गॉड का नाम जपने से बड़ी से बड़ी मुश्किलें भी हल हो जाती हैं। पूज्य गुरू जी द्वारा अपने पवित्र मुखारबिन्द से साध-संगत को अनमोल वचन फरमाने पर साध-संगत मस्ती में झूम उठी। सत्संग की समाप्ति पर कुछ ही मिनटों में साध-संगत को लंगर भोजन और हलवे का प्रसाद दिया गया।
युवाओं ने नशा छोड़ने के लिए पूज्य गुरू से लिया आशीर्वाद
सलाबतपुरा में पहुंची साध-संगत में कुछ ऐसे युवा भी शामिल थे, जो नशों से अपना पीछा छुडवाना चाहते थे। उनमें से एक नौजवान ने पूज्य गुरू जी से बात करते कहा कि ‘गुरू जी नशा छोड़ना है।’ तो इस पर पूज्य गुरू जी ने फरमाया ‘बेटा! फिक्र न कर, परमात्मा का नाम बता दिया, उसका जाप करना, नशा अपने आप ही छूूट जाएगा, परवाह न कर, करने वाला परम पिता परमात्मा है, हम तो दुआ कर सकते हैं, खाने-पीने का पूरा ख्याल रखो, थोड़ा दवा-दारू करो, नशा अपने आप ही छूट जाता है, परमात्मा के नाम से आप हिम्मत करो, हम भगवान के आगे अरदास करेंगे।’
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