जुनून जगाओ तो 24 घंटे में भी मिल सकता है प्रभु
चंडीगढ़ (एमके शायना) पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां लगातार लाइव आकर साध-संगत को खुशियों से मालामाल कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश बागपत स्थित डेरा सच्चा सौदा, शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा में आज पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने देश-विदेश की साध-संगत से आॅनलाइन रूबरू होकर दर्श-दीदार दिए। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली सहित देश के विभिन्न राज्यों में स्थित डेरा सच्चा सौदा के आश्रमों, नामचर्चा घरों और विदेशों में बैठी साध-संगत ने पूज्य गुरु जी के अनमोल वचनों को पूरी श्रद्धाभाव से श्रवण किया। बरनावा आश्रम से आॅनलाइन रूबरू होते हुए पूज्य गुरु जी ने ‘आ के सत्संग में विचार कर ले, मानस जन्म का उद्धार कर ले, प्रभु है तेरा भला करे’ शब्द बोला। जिस पर साध-संगत ने नाचगाकर खुशियां मनाई। पूज्य गुरु जी ने साध-संगत से आॅनलाइन रूबरू होते हुए फरमाया कि इंसान को इस बेशकीमती जन्म का फायदा उठाना चाहिए।
84 लाख योनियों में से एक इंसान ही जो प्रभु की भक्ति इवादत करके मोक्ष प्राप्त कर सकता है। पर इंसान इंद्रियों के भोग विलास, जीभा के सवाद में ही उलझा हुआ है। उन्होंने कामकाज और प्रभु की विधि विधान के बारे में बात करते हुए फरमाया कि प्रभु को समय देना इंसान को बोझ लगता है। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि ” आज का इंसान परमात्मा को देखने के लिए समय नहीं लगाना चाहता बल्कि कहता है कि कौन मत्था लगाए। मतलब कौन टाइम लगाए, अच्छा बच्चे पैदा कर लिए, खा पी लिया, उसमें क्या निचोड़ निकाल लिया? क्या मिल गया जो तू पूरे वर्ल्ड को दिखा देगा? ठीक है एक रीत है या यूं कह लीजिए कि प्रभु की बनाई एक रस्म है कि परिवार आगे से आगे बढ़ते जाते हैं यह उनकी कुदरत है और होना भी चाहिए इस को रोकना नहीं है।
पर हमारा यहां कहने का तात्पर्य यह है कि इसके अलावा भी आप वह कर सकते हैं जो पशु परिंदे पक्षी नहीं कर सकते सिर्फ मनुष्य कर सकता है और कोई नहीं कर सकता। तो अगर आप फिर भी खाली हाथ चले गए तो भाई आप में और पशुओं में क्या फर्क रह गया ? तो इसलिए सच्चे दाता रहबर शाह सतनाम शाह मस्तान जी ने फरमाया है कि आकर सत्संग में विचार कर ले, विचार कर , सत्संग में आ। सोच कि तू किधर जा रहा है क्या कर रहा है। और मानुष जन्म का उद्धार कर ले, मोक्ष मुक्ति का मौका मिला है जीते जी, उसको देख सकता है। जो सुप्रीम पावर है जो एक ओंकार है। वह ओम है सर्वशक्तिमान है जो एक अल्लाह ताला है। क्या तेरा देखने को दिल नहीं करता? कहते वह तो दिखता ही नहीं दिखता है तो बताओ वह कैसा है? अरे भाई क्या आप बता सकते हैं सूरज कैसा है ? क्या आप बता सकते हैं चंद्रमा किस जैसा है? कोई नहीं बता सकता जब उसके बनाए चंद्रमा सूरज की तुलना किसी से नहीं की जा सकती तो भगवान की किससे करें और कैसे करें।
अपने कल्चर में एक कहावत है, सारी भाषा बोलने वालों में , लाइट है ना अंधेरा हो, रात को बड़ी लाइट एकदम जल जाए तो क्या कहते हैं यार रात में सूरज निकल आया। पर सूरज की तुलना किससे करोगे? कभी की है सूरज की तुलना ? हो ही नहीं सकती कोई शब्द ही नहीं है उसके बराबर। जिसके बराबर कोई भी ना हो उसकी तुलना करेंगे तो करेंगे कैसे। जो ऐसे लाखों चंद्रमा सूर्य नक्षत्र ग्रह बनाने वाला है उसकी तुलना किसी से कभी हो ही नहीं सकती। आप उसे देख सकते हो, महसूस कर सकते हो, सुन सकते हो पर उसको लिख बोल कर ना कोई बता पाया है ना कोई बता सकता है। पर देख सकते हो यह हमारी गारंटी है। गारंटी क्यों है? क्योंकि हमने सब कुछ खुद महसूस किया है। तो अगर हम इंसान होते हुए महसूस कर सकते हैं तो आप इंसान होते हुए क्यों महसूस नहीं कर सकते। कर सकते हैं आप। आपके अंदर एक जज्बा होना चाहिए एक जुनून होना चाहिए। आपके अंदर एक भावना होनी चाहिए।
एक लगन होनी चाहिए कि हां मैंने उस परमपिता परमात्मा को देखना है। जब यह जुनून जाग जाएगा तो हो सकता है वह आपको 24 घंटे में ही मिल जाए। क्या पता । बात जुनून की है बात इश्क जगाने की है। अरे दुनियावी इश्क कर कर के सफेद हो गए। कभी तो अल्लाह राम वाहेगुरु यार से करके देख लो। इधर वाले में क्या खोया क्या पाया देखो तो सही , पता नहीं कितना कुछ गंवाया उसके बदले और उस भगवान को एक बार कर के तो देखो ऐसा नजारा आएगा ऐसा नजारा आएगा कि पश्चाताप हो जाएगा कि जिंदगी ऐसे ही क्यों गुजारदी। पर अगर आप भक्ति करोगे तो। अगर आप असुलों पर रहोगे तो। यह नहीं कि आप बुराइयां भी करते रहो और भक्ति भी करते रहो। और कहो भगवान क्यों नहीं मिला।
बाद में कहते हो गुरुजी जोर तो लगाया था पर भगवान मिला नहीं। अरे जितनी भक्ति करी उतनी बराबर बुराइयां करी, तकड़ी बराबर हो गई सौदा खत्म! जैसा था वैसा ही रह गया पर यह है की गई भक्ति कभी खाली नहीं जाती। सत्संग में अगर आ गए तो बनी बनाई भक्ति मिलती है। कैसी वाली ? आपके रोग काट देगी आपकी परेशानियां दूर कर देगी , आपके बिजनेस व्यापार में फायदा हो जाएगा। आपके बाल बच्चों में तंदुरुस्ती आ जाएगी, आप हमें तंदुरुस्ती आ जाएगी। पर अगर सत्गुर अल्लाह राम यार से मिलना है तो उसके लिए तो फिर सेवा सिमरन पर ध्यान देना ही पड़ेगा। अगर उसको देखना है सत्संग डायरेक्ट इनडायरेक्ट दर्शन करवा सकती है।
यह भी सच है। क्योंकि वह निराकार है उसकी आवाज जैसी कहीं आवाज नहीं है, उसके जैसा कोई है ही नहीं। लेकिन अपने गुरु पर अगर दृढ़ विश्वास कर लो सत्संग सुनते रहो , वचनों पर पक्के रहो तो हो सकता है वह आपको सपने में आकर, या कहीं पर भी आपके गुरु के रूप में दर्शन दे सकता है।। यह हो सकता है यह पॉसिबल है सत्संग से भी। पर अगर पूरा नूरी शब्द रूप देखना चाहते हो तो सेवा और सिमरन यह दोनों करना ही पड़ेगा और कामवासना क्रोध मोह लोभ अहंकार और मन माया को कंट्रोल करना ही पड़ेगा। और कोई शॉर्टकट नहीं है यह बहुत शॉर्टकट है अगर देखा जाए तो। पहले लोग सैंकड़ों साल भक्ति करते थे उम्र लंबी होती थी। आज कल सवास जल्दी लेते हैं खानपान सही नहीं , उमर भी कम रहती है तो आप सेवा सिमरन से आगे बढ़िए। कलयुग में थोड़ी की भक्ति भी बहुत फलती फूलती है।
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