बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। वीरवार को डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने आज के इंसान द्वारा प्राकृतिक को बर्बाद करने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। पूज्य गुरु जी ने बताया कि आज का इंसान केवल अपने शौक पूरे करने के लिए किस तरह प्राकृति को बर्बाद करने पर तुला हुआ है। पूज्य गुरु जी ने आॅन लाईन रूबरू कार्यक्रम के दौरान फरमाया कि आज के इंसान ने प्रभु की प्राकृति से छेड़छाड़ कर रखी है और प्रकृति वापिस बदला ले रही है। क्योंकि कुदरत के कादिर ने क्या खुबसूरत, इस जमीन पर स्वर्ग बना रखे हैं।
धरती का शृंगार है कुदरत के मनमोहक दृश्य
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि मैदानी इलाके में जाइये, जहां सरसों के खेत होते हैं उस पर, आप जब निगाह मारते हैं, तो यूं लगता है कि क्या खुबसूरत पीले रंग का कालीन बिछा हुआ है। क्या धरती ने शृंगार कर रखा है। तो वो एक अलग तरह का स्वर्ग है। धरती पर चावल की खेती होती है, जब उस पर निगाह मारते हैं तो ऐसा लगता है कि किसी ने खुबसूरत एक हरे रंग का गलीचा बिछा रखा है। देखने का नजरिया अलग होता है। हमने तो राजस्थान के टीलों में भी देखा उपर चढ़कर वो टीले में यूं लगते हैं कि कुदरत के कादिर ने क्या खुबसूरत डिजाइन बना रखें है। क्या उनकी धार होती है और हवा चलने से उनके उपर क्या सुंदर निशान बने होते हैं वो एक अलग तरह का स्वर्ग है। बस देखने का नजरिया होना चाहिये।
पहाड़ी इलाके में जाइये, वो अपने आप में एक अलग तरह का स्वर्ग है। तो कितने गिनाएं, कुदरत के कादिर ने इतने स्वर्ग बना रखें हैं। किसके लिए पशु, पक्षी परिंदें सबके लिए पर उनका लुत्फ सबसे ज्यादा मनुष्य लेता है वो समझता है उन चीजों को, इंजॉय करता है, उसे खुशी आती है ये सब देखकर। लेकिन लेकिन बड़ा दर्द होता है, बड़ा दु:ख होता है, जब ये ही इंसान प्रभु की बनाई इन स्वर्ग जैसी चीजों को बर्बाद कर रहा है और वहां पर अपने नए-नए डिजाइन के मकान बनाता जा रहा है, कंकरीट के महल बनते जा रहे हैं। और कुदरत ने जो भी चीज बनाई होती है, वो बीना वजह नहीं बनाई होती है, सबकी अपनी-अपनी वजह होती है, सबका अपना-अपना कारण होता है, पर ये दखलांदाजी कर रहा है, उसको बर्बाद करने पर तुला हुआ है आज का इंसान।
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