- कहा, लोगों का नशा छुड़ाने के लिए बदलनी होगी लोगों की सोच
- कोई कोई जाने कैसा नशा है नाम का…भजन की व्याख्या करते हुए बढ़ते नशे पर जताई चिंता
सुनील वर्मा/देवीलाल बारना
बरनावा/कुरुक्षेत्र। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शुक्रवार को शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा उत्तर प्रदेश से आॅनलाइन गुरूकुल के देश व विदेशों में बैठी साध-संगत को अपने रूहानी अमृतमयी वचनों से लाभान्वित किया। वहीं इस दौरान साध-संगत पूज्य गुरु जी के दर्शन कर खुशियों से सरोबार हुई। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हजारों लोगों को नशा, विभिन्न बुराईयों से दूर करते हुए गुरुमंत्र प्रदान किया। पूज्य गुरु जी ने कोई कोई जाने कैसा नशा है नाम का…भजन के अंतरे पर व्याख्या करते हुए देश में बढ़ते नशे पर चिंता व्यक्त की।
संसार में नशों की बाढ़ आई हुई है
पूज्य गुरु जी ने कहा कि संसार में नशों की बाढ़ आई हुई है। हमारे देश की बात कर लिजिए, बहुत जगहों पर, बहुत तरहों के नशे बर्बाद कर रहे है। नशे से देश की जवानी, देश का बचपन बर्बाद होता जा रहा है और यह नशा दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। बहुत सारी जिंदगियां नशा बर्बाद कर चुका है और खत्म कर चुका है तथा बहुत जिंदगियों को खत्म करने की कगार की तरफ ले जा रहा है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि पहले एक हल्के पीले और लाल रंग की बेल हुआ करती थी, जिसके शायद अलग-अलग नाम हो, जिसे अंबर बेल भी कहते थे। यह बेल जिस पेड़ पर गिर जाती थी, उसको बर्बाद कर देती थी। आज उसी तरह नशा हमारे समाज के ऊपर गिरा हुआ है, गिरफ्त में ले रखा है नशे ने और इससे हमारा समाज खोखला होता जा रहा है।
हमारी संस्कृति जो दुनिया की नंबर वन संस्कृति
पूज्य गुरु जी ने कहा कि हमारी संस्कृति जो दुनिया की नंबर वन संस्कृति है, वो भी खत्म होती जा रही है, बर्बाद होती जा रही है। तो इस नशे को रोकना बहुत ही जरूरी है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि नशा को रोकने के लिए लोग कदम भी उठा रहे होंगे, हमारे जिम्मेदार लोग भी कदम उठा रहें होंगे, लेकिन जब तक आदमी का दिमाग नशे की लत से बुरी तरह से पंघलाया हुआ है, तब तक यह नशा शरीर को नहीं छोड़ता, इन्सान को नहीं छोड़ता। इसके लिए पहले जरूरी है इन्सान के दिमाग से नशे रूपी दानव का असर खत्म हो। आमतौर पर नशा खत्म करने के लिए लोग उससे ज्यादा वाला नशा या अलग तरह का नशा देते है, ताकि वो नशा छुड जाए और फिर वो कम करके धीरे-धीरे नशा छुड़वाया जाता है। लेकिन एक नशा जो हमारे पाक-पवित्र ग्रंथों में दर्ज है, वो है ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु के नाम का नशा, गॉड, खुदा रब्ब की इबादत का नशा। वो एक ऐसा स्वस्थ नशा है। जिसको लेने से सबसे पहले इन्सान के दिमाग से नशे का फितूर, गंदगी रूपी नशे का फितूर दूर होता है। जिसका माइंड फ्रेश हो जाता है, जिसके अंदर बिल पॉवर आ जाती है, वो दुनिया के असंभव कार्यों को भी संभव कर सकता है। तो माइंड फ्रेश, दिमाग में शांति के लिए, आत्मबल के लिए, आप किसी भी डॉक्टर साहिबान से पूछ लिजिए एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी और भी पद्धतियां होगी तथा किसी के भी पास चले जाइये, आपको ऐसी दवा नहीं मिलेगी, जिससे आत्मबल बढ़ सकें। हैरानीजनक बात तो यह है, हमारे धर्मों में सिर्फ और सिर्फ इसी दवा का जिक्र ज्यादा किया गया है और वो दवा है परमात्मा, मालिक का नाम, ओम, हरि, ईश्वर की भक्ति, वो एक ऐसी दवाई है, जिसको लेने से आदमी की सोच बदलने लगती है। वो ऐसी दवाई है, जिसको लेने से आत्मबल बढ़ता है।
अगर आपकी सोच में पॉजिटिविटी है, आत्मबल है
पूज्य गुरु जी ने उदारण देते हुए बताया कि जिस प्रकार एक गिलास है, अगर वह पानी से आधा भरा है तो किसी को यह आधा खाली नजर आता है तो किसी को यह आधा भरा हुआ नजर आता है। जिसको आधा खाली नजर आता है, उसका आत्मबल कमजोर हो चुका है और जिसको आधा भरा नजर आता है उसका आत्मबल बुलंदियों की ओर बढ़ रहा है। सोच का फर्क है, समझ का फर्क है। तो यह आमतौर पर देखने में आता है लोग यही कहते है कि आधा गिलास खाली है। कोई-कोई कहता है कि आधा गिलास भरा हुआ है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि अगर आपकी सोच में पॉजिटिविटी है, आत्मबल है तो आप कभी भी गिरी हुई बात नहीं करेंगे, आप असफलता की बात नहीं करेंगे।
सकारात्मक सोच बनाने के लिए करें सुमिरन
पूज्य गुरु जी ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति आत्मबल से भरपूर है और अगर उसे किसी सफलता में दस परसेंट सफलता के चांस है तो उसमें एक बिंदी ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु का नाम लगा देता है और इससे उसे 100 परसेंट कामयाबी मिलती है। वहीं दूसरी ओर अगर इन्सान का आत्मबल गिरा हुआ है तो यानि आप की सोच नकारात्मकता से भरी हुई है और उसे सफल होने के 90 परसेंट चांस है, लेकिन फिर भी वह कामयाब नहीं हो पाता। पूज्य गुरु जी ने कहा कि सकारात्मक सोच बनाने के लिए इन्सान को सुबह-शाम मालिक के नाम का जाप करना होगा। इससे इन्सान के अंदर आत्मबल आएगा और वो आत्मबल इन्सान की सोच को बदल के रख देगा।
रामनाम के साथ दी दवाई तो सामने आए हैरानी जनक परिणाम
पूज्य गुरु जी ने बताया कि हमारे पास कुछ सुपर-स्पेशलिस्ट डॉक्टर आए। जिन्होंने मरीजों पर किए अनुभव सांझा करते हुए बताया कि हमारे पास कुछ मरीज आए, जिनमें से आधे मरीजों को मैने भगवान के नाम के साथ दवाई लेने को बोला गया और आधे को सीधी ही दवाई दी गई। मरीज भगवान को लगातार याद करने लगे और दूसरे कुछ भी नहीं करते थे। लेकिन दोनों को दवाईयां सेम दी गई थी। सभी के आॅप्रेशन होने वाले थे। आॅप्रेशन के बाद जो मरीज मालिक का नाम लेने वाले थे उनके 90 प्रतिशत आॅप्रेशन सफल हुए और जो मालिक का नाम नहीं लेने वाले थे, उनके सफलता 40 प्रतिशत थी। इसके अलावा मालिक का नाम लेने वाले बहुत से मरीज बिना आॅप्रेशन भी ठीक हो गए। लेकिन दूसरों में एक भी मरीज ऐसा नहीं था, जो बिना आॅप्रेशन के ठीक हुआ हो। पूज्य गुरु जी ने कहा कि डॉक्टर ने बताया कि उसने सिर्फ एक महीने लोगों को राम-नाम के जाप के साथ दवा लेने के लिए कहा था, जिसके हैरानीजनक परिणाम सामने आए थे और वह इस परिणाम से दंग रह गया था। पूज्य गुरु जी ने कहा कि हमारे सभी पाक-पवित्र धर्मों, ग्रथों में बहुत पहले से लिखा हुआ है कि अपनी सोच को बदलो, अपने अंदर आत्मबल को पैदा करो, जिनके अंदर आत्मबल होगा,बिल पॉवर होगा, वो इन्सान हमेशा सफलता की ओर बढ़ता ही चला जाएगा।
युवा पीढ़ी नशे से हो रही खोखली, कौन करेगा देश की रक्षा
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि अगर आप सफल होना चाहते है, अगर हमारे देश से नशे को खत्म कर दिया जाए, अगर आप सफल होना चाहते है कि हमारे परिवार में नौजवान बेटे, पौते, पौतिया जो भी नशा करने वाला है परिवार में उसकी जिंदगी बचाना चाहते है तो यह बेहद जरूरी है, उनमें आत्मबल लाओ और आत्मबल की दवा राम-नाम, अल्लाह, वाहेगुरु, परमात्मा का नाम है। जोकि एक दम असर करती है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि आज के समय के हिसाब से मालिक का नाम बहुत जरूरी है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि हम 1995-96 से कहते आ रहे है कि ये जो नशे चल रहे है इनडायरेक्टली हमारे देश के खिलाफ एक अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध है। ताकि हमारी नौजवानी पीढ़ी खोखली हो जाए और जब नौजवान पीढ़ी खोखली हो जाएगी तो देश की रक्षा करेगा कौन? युथ, जवानी एक ऐसा दौर होता है जिसमें आदमी अगर अच्छे कर्म करने लग जाए तो वो समाज को, देश को बहुत कुछ दे सकता है और अगर बुरे कर्म करने लग जाए तो वह घर को देने के लायक कुछ नहीं रहता, देश और समाज तो दूर की बात है। यह बदलाव लाना जरूरी है।
दुआ वो ही असर करती है जो अनमोल होती है
पूज्य गुरु जी ने कहा कि हम जो भी देखते हैं वह नेगेटिविटी ही देखते हैं, अधिकत्तर बच्चे फोलो करते हैं अपने फेवरेट हीरो को और ज्यादातर हमारे देखने में आया है कि उनमें उन्हें नशे करते दिखाए जाते हैं। पूज्य गुरु जी ने कहा कि नशे पर रोक लगाना जरूरी है और इससे पहले जरूरी है जो नशे के आदी हो चुके है उनका इलाज करना। इलाज के लिए जरूरी है कि उन्हें अच्छी दवा और दुआ दी जाए। पूज्य गुरु जी ने कहा कि हम गारंटी देते है कि दवा आप बाद में दे देना, पहले उन्हें ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब के नाम की दुआ दिलवा दो, हो सके दवा की जरूरत ही ना पड़े। पूज्य गुरु जी ने कहा कि हमारा यह तुजुर्बा है 6 करोड़ लोगो पे है, जिनको दवा ने नहीं बल्कि दुआ ने भयानक से भयानक नशे से दूर कर दिया। लेकिन आज के दौर में दुआ भी कई श्रेणियों में आ गई है। इन्सान सोचता है कि कौन से वाली दुआ ज्यादा असर करेगी और कौन से वाली दुआ कम असर करेगी। इन्सान इसमें उलझा हुआ है। दुआ वो ही असर करती है जो अनमोल होती है और मिलती बिना मोल के है। दुआ वो असर नहीं करती जिसपर टैक्स लगता हो। इसलिए आप कहीं से भी अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड के नाम से जुड़ जाए और उसकी भक्ति, इबादत करिये, जरूर नशा छुटेगा और हमारा समाज स्वस्थ होगा, तंदरूस्त होगा।
छाया: सुशील कुमार
प्रकृति से छेड़छाड़, खत्म होते जल स्रोत देश के लिए गंभीर समस्या
पूज्य गुरु जी ने कहा कि जिस प्रकार प्रकृति से छेड़छाड़, खत्म होते जल स्रोत देश के लिए गंभीर समस्या है, उसी प्रकार नशा भी देश के लिए एक बड़ी समस्या है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि आजकल नशे में मिलावट भी बहुत होने लगी है। वहीं पूज्य गुरु जी ने नशे के पाऊचों पर देवी-देवताओं की फोटो इत्यादि होने पर दुख जताते हुए कहा कि लोग नशा करने के बाद उन पैकेट को नीचे फैंक देते है जोकि लोगों के पैरों तले कुचले जाते है जोकि बहुत दुखद है। पूज्य गुुरू जी ने कहा कि नशे व बुराईयों को छोड़कर हमें अपने देश की संस्कृति को ऊपर उठाना चाहिए। इसके साथ ईर्ष्या,नफरत को त्याग देना चाहिए तथा राम-नाम के नशे से जुड़ जाना चाहिए।
राम नाम में दुनियावी मिठास से अरबों-खरबों अधिक मिठास है
पूज्य गुरु जी ने कैसा है राम-नाम का नशा, जो गंदगी भरे नशे को छुडवा देता है, के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे सभी पाक-पवित्र ग्रंथों में लिखा है कि राम नाम में दुनियावी मिठास से अरबों-खरबों अधिक मिठास है। इसलिए अगर नशा ही करना है तो राम के नाम का नशा करों जो एक बार चढ़ गया तो इस जहान में तो क्या अगले जहान में नहीं उतरेगा। दुनिया का नशा घर, शरीर, समाज को नर्क बनाता है और देश को बबार्दी की तरफ ले जाता है। इसके विपरीत राम नाम का नशा शरीर को मजबूत करता है, घर को स्वर्ग बनाता है, समाज को स्वस्थ बनाता है और देश के लिए भी बहुत कुछ कर जाता है। रामनाम से जुड़ा व्यक्ति अपनी कुलो का उद्धार कर लेता है। जिसे राम नाम का नशा लग जाता है उसे कोई भी चिंता, परेशानी टस से मस नहीं कर सकती और दुनियावी नशा टैंशन ना होते हुए भी उसे ढ़ेरों परेशानियां दे देता है। इसलिए धर्मो में लिखा है कि मालिक के नशे से जुड़ों। जिससे आपके अंदर आत्मबल आएगा। जिससे देश की तरक्की में सहयोग दोगे और सबसे बड़ी बात स्वस्थ काया होगी। जिसका शरीर स्वस्थ है उसके लिए पतझड़ भी बहार है और जिसका शरीर बीमार है उसके लिए बहार भी पतझड़ होती है।
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