इंसानियत की सच्ची सेवा करना सिखाते हैं डेरा सच्चा सौदा के 143 मानवता कार्य
बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने मंगलवार को
(online Gurukul dr.msg )आनलाइन गुरुकुल के माध्यम से फरमाया कि समाज में नशों के ठेके खुलते हंै और वहां कोई चर्चा ही नहीं होती, इसलिए ऐसी जगह खोलों जहां पर बैठकर राम-नाम का नशा हर कोई ले सकें। अल्लाह, वाहेगुरु के नाम का नशा ले सके, ऐसी जगह बनाओ। दूसरे शब्दों में पैसे को अपने घर में रखों या फिर संत-पीर फकीर ऐसा कहें या आप खुद देखों आपके इर्द-गिर्द कोई दुखी, परेशान, दर्द से तड़फता हुआ पशु, पक्षी, परिंदा या इन्सान मिल जाए पहले तौर पर जाकर उसका इलाज कराओ। दूसरा कोई बेटी है, आज के समाज के एकोर्डिंग, बड़ा अजीबो-गरीब समय आ रहा ह।
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किसी के पास इतना पैसा नहीं है, मजबूर है कि बेटी की शादी नहीं कर पा रहा, जाओ उसकी मदद करके बेटी की शादी कराओ, कोई मजबूर है,अपने बच्चों को पढ़ाना चाहता है, लेकिन पैसा नहीं है, जाओ किताबे देकर,उसकी फीस भरके उसकी शिक्षा पूर्ण कराओ ताकि वो बच्चा अपने पैरों पर खड़ा हो और अपने घर का फैसला खुद करेगा। यानी वो पूरे घर को स्वर्ग बना देगा, वो पूरे घर को पार उतारा कराएंगा। पूरे घर का एक स्तंभ बन जाएगा। जिसके चलते उनको रोटी के लाले नहीं पड़ेंगे। इसलिए आपने एक को नहीं बल्कि पूरे घर को ही बदल के रख दिया थोड़ से दान से। इस तरह तो हमने 134 कार्य शुरू किए थे वो आज बढ़कर 142 हो चुके हैं। ये सारे कार्य उसी लिए बनाए गए है। वो सारे धर्मों से ताल्लुक रखते हंै। ताकि आपका फायदा हो।
सही जगह पर किया गया दान, आपके घर में लाता है सुख-समृद्धि
पूज्य गुरु जी ने दूसरों का भला करने से इन्सान का खुद का कैसे फायदा होगा, के बारे में समझाते हुए फरमाया कि सही जगह पर अगर दान कर दिया जाए, तो वो पैसा कई गुणा बढ़के सुख, समृद्धि बनके घर में आता है, दया मेहर राम की लेकर आता है। पूज्य गुरु जी ने इसी पर उदारण देते हुए कहा कि अगर आपकी औलाद को कोई गाड़ी के नीचे आने से बचा ले और अगर आप एक अच्छे इन्सान हो तो उसे कहेंगे कि तूने मेरे बेटे को बचाया मैं पूरी उम्र तेरा कर्जदार हो गया। उसी प्रकार आपके बच्चे को जिसने बचाया उसके लिए इतनी भावना आ गई, अगर आप भगवान की औलाद को कोई न कोई सहयोग करोंगे, उसको बचाओगे तो क्या भगवान आदमी से कमजोर है। वो भी कोई कमी नहीं छोडेगा और खुशियों के ढेर लगा देगा। ये है सच्चा दान अगर कर सको।
आज सच बोलना अपने आप में बहुत बड़ा चेलेंज
पूज्य गुरु जी ने फरमाते हुए कहा कि सच बोलो, सच पे चलो और सच की पेरवाई करो। हालांकि सच बोलना आसान बात नहीं है। बच्चों के आगे इन्सान झूठ बोलता रहता हैं, मियां-बीवी एक-दूसरे के आगे झूठ बोलते रहते है। मां-बाप के सामने झूठ,मां-बाप बच्चों के आगे झूठ, कई तो इतना ठोकते हंै कि उन्हें यह नहीं पता चलता कि सच कौन-सा है। आज के दौर में सच बोलना अपने आप में एक बहुत बड़ा चेलेंज है। उसे कोई मालिक का प्यारा ही मंजूर कर सकता है, मालिक का प्यारा ही निभा सकता है। सच्चे सौदे में जिदंगी जीने का सही रास्ता सिखाया जाता है। इसके अलावा सच्चे सौदे में जीव हत्या नहीं करना, नशे नहीं करना सिखाया जाता है। साथ में बचपन में आप मालिक के नाम से जुड़ सकते है, सच्चे सौदे में यह सिखाया जाता है। ताकि वो एक ऐसा वट वृक्ष बन जाए। जिसकी खुशबू से पूरा समाज महक उठे।
बचपन-जवानी में जो राम-नाम से जुड़ जाते है वो अव्वल दर्जे के भक्त कहलाते है
पूज्य गुरू जी ने सच्ची जवानी क्या होती है, सच्चा बचपन क्या होता है के बारे में बताते हुए कहा कि बचपन में जो राम-नाम से जुड़ जाते हैं, जवानी में भी जो राम-नाम से जुड़ जाते है वो अपने आप में अव्वल दर्जे के भगत कहलाते हैं। वो समय बताता है,वो चाहे ध्रुव हो या प्रहलाद हो, जिनका नाम आज भी अमर है और अमर ही रहेगा। तो बचपन व जवानी की भक्ति सर्वोत्तम मानी जाती है। क्योंकि उस आयु में फिसलने का डर ज्यादा रहता है। हालांकि अब कलियुग आ गया है जिसमें तजुबेर्दार ज्यादा फिसल रहे है।
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